पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव और ऋत्विक कंपनी के बीच विवाद गहरा गया है। योगेंद्र साव शनिवार को झुमरी टांड के पास धरने पर बैठ गए। जोरदाग सती चीरा ट्रांसपोर्टिंग सड़क को जेसीबी से काट दिया। सीबी माइंस में खनन और ट्रांसपोर्टिंग कार्य बंद करा दिया। उन्होंने केरेडारी थाने में कंपनी के खिलाफ आवेदन दिया है। इसमें आरोप है कि उन्हें सूचना दिए बगैर उनकी चिमनी और घर को तोड़कर करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया। उधर, शुक्रवार देर रात ऋत्विक कंपनी के दो अधिकारियों और एक ऑपरेटर को बंधक बना लिया गया। जिसे पुलिस ने रात में ही मुक्त कराया। कंपनी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी अवधेश कुमार सिंह ने इस मामले में पगार ओपी में केस दर्ज कराया है। इसमें योगेंद्र साव, उनके भाई धीरेंद्र साव व इनके 3-4 बाउंसर समेत संजय कुमार, खुदन साव, जगदीश साव, तिलेश्वर साव, गुड़ा पासवान, प्रमोद साव, कैला कुमार साव, लखन साव, कैला साव, दिलीप साव सहित 40-50 समर्थकों के नाम शामिल हैं। आरोप: चिमनी गिराकर लौटते समय पीटा अवधेश कुमार ने कहा है कि मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जोरदाग स्थित योगेंद्र साव की चिमनी व चहारदीवारी को ध्वस्त कर वे लोग शाम पांच बजे लौट आए। इसके बाद कंपनी की मशीन लेकर ऑपरेटर लौट रहा था। तभी योगेंद्र के भाई धीरेंद्र साव व 3-4 बाउंसर आए और ऑपरेटर को जबरन मशीन वापस करवाकर उसे बेरहमी से पीटा। अपनी गाड़ी में बिठा लिया। सूचना पर कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर अनुराग गुप्ता के साथ ऑपरेटर को छुड़ाने पहुंचे तो उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया। नोटिस दिया पर स्वीकार नहीं किया कंपनी के अनुसार योगेंद्र साव की जोरदाग स्थित गैरमजरूआ खास के खाता 190,प्लॉट 13 रकबा एक एकड़ के करीब जमीन सीबी माइंस के खनन क्षेत्र के करीब आ गई थी। कंपनी सीबी एक्ट के आलोक में इनकी संरचना की मापी कर मुआवजा स्वीकार करने के लिए योगेंद्र साव को नोटिस दिया। मुआवजा स्वीकार नहीं किया तो सीबी एक्ट 1957 की धारा 17 (2) के आधार पर मापी के अनुसार जो राशि तय हुई, ट्रिब्यूनल कोर्ट रांची में जमा कर एसडीओ के आदेश पर 1 अगस्त को दिन में चिमनी व बाउंड्री तोड़ी गई।