भास्कर न्यूज | अमृतसर चैत्र मास के दूसरे और तीसरे नवरात्र एक साथ होने के कारण सोमवार को भक्तों ने मंदिरों में मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा , कथा, आरती करके की। भक्तों ने सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहने। इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा करके लाल और पीले रंग के वस्त्र अर्पित किए। इसके बाद मां को कुमकुम और अक्षत अर्पित किया। मां चंद्रघंटा को पीला रंग अति प्रिय है। इसलिए भक्तों ने पूजा में पीले रंग के फूलों और वस्त्रों का प्रयोग किया। ब्रह्मचारिणी की आराधना करने को भक्तों ने बीज मंत्र और श्री दुर्गा स्तुति के पाठ किए। दुर्ग्याणा के शीतला माता मंदिर में सुबह से ही भक्तजन लंबी लाइनें में खड़े हो गए ताकि समय पर मां के दर्शन हो सकें। वहीं शीतला माता मंदिर के दूसरी तरफ माता रानी का जागरण किया। वहीं शाम को कई भजन गायकों ने माता रानी का गुणगान किया। इसी तरह रानी का बाग प्राचीन शिवाला और राम मंदिर में सुबह भक्तजन माथा टेकने पहुंचे। मंदिर कमेटी के चेयरमैन पीएल हांडा, प्रधान मनमोहन कुंद्रा, सचिव आशीष अरोड़ा और कोषाध्यक्ष विनोद रोहिला की अध्यक्षता में शाम साढ़े 7 से रात साढ़े 10 बजे तक भजन गायकों ने माता रानी का संकीर्तन किया। शिवाला बाग भाइयां मंदिर ट्रस्टियों की तरफ से चैत्र मास के नवरात्र में सुबह श्री दुर्गा स्तुति के पाठ और रात को माता की चौकी करवाई जा रही है। मंदिर के प्रधान जतिंदर अरोड़ा और महासचिव संजय अरोड़ा की अध्यक्षता में करवाए जा रही माता की चौकी में भजन गायकों ने मां के भजन गाए। सबसे पहले मंदिर कमेटी के सदस्यों ने पंडितों को साथ मिलकर पवित्र ज्योति जलाई। रात 8 से रात बजे तक चली माता की चौकी के बाद भोग डाला गया। जिसमें भक्तों को प्रसाद बांटा गया। इसी तरह शहर के अन्य मंदिरों में भी मां भगवती का गुणगान करके भक्तों ने पूजा अर्चना की।