नवां पिंड में कुल हिंद किसान सभा और सब्जी उत्पादक किसान जत्थेबंदी की बैठक हुई, जिसमें पंजाब में आई बाढ़ की स्थिति पर गंभीर चर्चा की गई। खास तौर पर अजनाला और रमदास क्षेत्रों में आई बाढ़ की जानकारी जत्थेबंदी के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह तीर्थपुर ने दी। जत्थेबंदी के प्रदेश सचिव लखबीर सिंह निजामपुर ने कहा कि यह बाढ़ प्राकृतिक नहीं बल्कि सरकारों और भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन की गलतियों का नतीजा है। केंद्र सरकार ने पंजाब के सभी डैमों का नियंत्रण अंतरराष्ट्रीय कानूनों को दरकिनार करते हुए अपने कब्जे में ले लिया है, जिससे पंजाब आज बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की गैर-पक्षपातपूर्ण नीति के कारण पंजाब को आर्थिक सहायता राहत पैकेज नहीं मिला, जबकि पंजाब के किसान केंद्रीय अनाज भंडार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। जत्थेबंदी ने मांग की है कि प्रत्येक परिवार को 1 लाख रुपए, प्रति एकड़ फसल बर्बाद किसानों को 70,000 रुपए, पशु नुकसान पर प्रति जानवर 1 लाख रुपए और किसी परिवार के सदस्य की मौत पर 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता दी जाए।


