अमृतसर| कारोबारी और पाकिस्तान सिख यात्रियों का जत्था लेकर जाने वाले ननकाना साहिब सिख यात्री जत्था के मुखी और संस्थापक स्वर्ण सिंह गिल का सोमवार की सुबह निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुद्वारा शहीदां साहिब के श्मशान घाट में किया गया। गिल वह व्यक्ति थे जिन्होंने पाकिस्तान में दर्शनों के दौरान जोड़े की सेवा की शुरुआत की थी। गिल के बेटे रोबिन सिंह गिल ने बताया कि 62 वर्षीय गिल काफी समय से बीमार चल रहे थे। आज सुबह 11:30 बजे उनका निधन हो गया। गिल लोहे के मोर्चे बनाने का काम करते थे। उन्होंने पाकिस्तान गुरुधामों के दर्शन-दीदार को जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए ननकाना साहिब सिख यात्री जत्थे का गठन किया था। रोबिन ने बताया कि वह 1980 में पहली बार जब जत्था लेकर गए तो वहां पर लोगों के जोड़े (जूते-चप्पल) के रख-रखाव की व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने अपनी टीम के साथ अमृतसर की तरह से जोड़े की सेवा शुरू की।