नाटक ‘शर्तिया इलाज’ ने फर्जी डॉक्टरों की पोल खोली:केके कोहली के निर्देशन में हुई प्रस्तुति, हास्य-व्यंग्य के अंदाज में सामाजिक मुद्दे पर डाला प्रकाश

अनुपम रंग थिएटर सोसायटी की ओर से आयोजित 30 दिवसीय अभिनय कार्यशाला में तैयार किए गए हास्य-व्यंग्य नाटक ‘शर्तिया इलाज’ का प्रभावी मंचन रविंद्र मंच पर हुआ। वरिष्ठ रंगकर्मी के.के. कोहली द्वारा लिखित और निर्देशित इस नाटक ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट करते हुए एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। नाटक की कहानी मोगली नामक एक फर्जी डॉक्टर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गली-मोहल्लों में क्लिनिक खोलकर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है। मोगली मरीजों को झांसा देकर उनकी बीमारी ठीक करने का दावा करता है, लेकिन उल्टा उनकी हालत और बिगाड़ देता है। पैसे कमाने की होड़ में वह लोगों को असमय मौत के मुंह में धकेलता रहता है। अंततः, बुराई पर अच्छाई की जीत होती है और मोगली कानून की गिरफ्त में आ जाता है। नाटक ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते हुए फर्जी डॉक्टरों, नीम हकीमों और झोलाछाप चिकित्सकों से सतर्क रहने का संदेश दिया। रोचक घटनाक्रम और हास्य-व्यंग्य से भरपूर यह प्रस्तुति न केवल दर्शकों को बांधे रखने में सफल रही, बल्कि एक सामाजिक चेतना भी उत्पन्न की। सशक्त अभिनय और उत्कृष्ट प्रस्तुतिनाटक में विनोद कुमार, ऋतू सैनी, महेश महावर, राहुल बैरवा, डी.पी. सैनी, नीतू मिश्रा, अर्जुन सिंह, चित्रांश झांकल और खुद के.के. कोहली ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया। सह-निर्देशन की जिम्मेदारी जितेंद्र सिंह नरुका ने निभाई। मंच संचालन हिमांशु झांकल द्वारा किया गया, जबकि लाइट डिज़ाइन रमन पारीक और पार्श्व संगीत अतुल श्रीवास्तव का रहा। संदेश और मनोरंजन का अनूठा संगम‘शर्तिया इलाज’ ने न केवल हास्य और व्यंग्य के माध्यम से दर्शकों को बांधे रखा, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देने में भी सफल रहा। नाटक ने फर्जी डॉक्टरों और नीम-हकीमों के खतरे से आगाह करते हुए आमजन को सतर्क और सजग रहने का आह्वान किया।

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