ना सिंदूरदान, ना सात फेरे…पर हो गई शादी:कानपुर देहात में 86 जोड़ों ने सरकारी दहेज लिए, बोले- असली शादी अगले महीने

कानपुर देहात में शनिवार को 86 जोड़ों की शादी हुई। मौका था- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का। शादी के लिए मंडप, हवन कुंड का इंतजाम था। लेकिन, अधिकांश जोड़ों ने सात फेरों की रस्म को केवल दिखावे के लिए निभाया। मांग में सिंदूर भरने से भी दूल्हे बचते नजर आए। पूछने पर अधिकांश जोड़ों ने बताया- उनकी असली शादी कुछ दिनों बाद होने वाली है। इसलिए वे न तो सात फेरे ले रहे हैं न ही मांग भर रहे हैं। ये तो सिर्फ दिखावा है। बारात लेकर जाएंगे और धूमधाम से शादी करेंगे। जोड़ों को एक ट्रॉली बैग, वर-वधू के कपड़े, एक बर्तन सेट, लंच पैकेट और चांदी के गहनों में बिछिया और पायल दी गईं। जिसे समेटकर वे चले गए। कई लोगों ने गहनों की क्वालिटी पर भी सवाल उठाए। जाते समय लोगों ने कहा- वे सिर्फ सरकारी अनुदान लेने आए थे। देखिए 3 फोटो… अब विस्तार से… 99 का रजिस्ट्रेशन, 86 की शादी कराई कानपुर देहात के राजपुर में भारतीय विद्यापीठ इंटर कॉलेज है। शनिवार को कॉलेज में एक बड़ा पंडाल लगाया गया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत यहां 86 जोड़ों की शादी कराई गई। 99 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें 4 जोड़े गायब रहे। इनमें- राजपुर से 13, डेरापुर से 7, झींझक से 23, रसूलाबाद से 35 और नगर पालिका क्षेत्रों से 5 जोड़े शामिल थे। 50% जोड़ों ने शादी की रस्में पूरी की। बाकी ने सिर्फ औपचारिकता निभाई। मौजूद कर्मचारियों ने शादी की रस्में निभाने उन्हें मजबूर करने की कोशिश की, लेकिन कई जोड़े फिर भी रस्में पूरी करने से कतराते रहे। कई जोड़े शादी खत्म होने से पहले ही मंडप छोड़ बाहर चले गए। उनके परिजन सामान लेने में जुटे रहे। आयोजन के दौरान टेंट के पीछे जोड़ों ने जमीन पर बैठकर खाना खाया। भास्कर ने 2 परिवारों से बात की… दूल्हा गोपाल बोला- मेरी शादी अगले महीने कानपुर देहात के मुजाऊपुर के गोपाल की उम्र 28 साल है। वे भी शादी करने आए थे। उन्होंने कहा-मेरी शादी पहले से ही तय है। अप्रैल में मेरी शादी है। घर में तैयारी चल रही है। योजना में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। मैं आज यहां आया था। लड़की भी आई थी। हम शामिल तो हुए, लेकिन न तो फेरे लिए न सिंदूरदान किया। शादी का पूरा सामान मिल गया है। अब यहां से जाने के बाद लड़की के घर बारात लेकर जाउंगा। वहीं पर शादी की सारी रस्में अदा की जाएंगी। गोपाल के पिता पप्पू ने बताया, मेरे बेटे की शादी 25 अप्रैल को होगी। हम बारात लेकर जाएंगे। वहीं पर शादी की सारी रस्में होंगी। मेरा बेटा फेरे भी वहीं लेगा। यहां शादी मे मिलने वाला सारा सामान मिल गया है। दुल्हन की मां बोली- आधी रस्में की, आधी घर में करेंगे रसूलाबाद की मुस्कान (20) ने भी सामूहिक शादी में हिस्सा लिया। मां ने बताया, 200 रुपए देकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। 25 मार्च को बेटी की शादी है। लड़का मेरे घर पर बारात लेकर आएगा। घर से ही धूमधाम से शादी करेंगे। हम सिर्फ सम्मेलन में रजिस्ट्रेशन कराकर हिस्स लेने चले आए। शादी की आधी अधूरी रस्में ही की है। बाकी बाद में करेंगे। विमला बोलीं- गहने नकली लग रहे रसूलाबाद से आई विमला ने अनुदान में मिली पायल को हाथ में लेकर दिखाया। कहा, गहने भी जो मिले हैं, नकली लग रहे हैं। मीठा भी सही नहीं मिला। सिर्फ सोन-पापड़ी दिया गया। मंत्री बोले- शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी
नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी ने बताया, जो लोग फेरे नहीं ले रहे थे, उन लोगों को कर्मचारियों द्वारा चिह्नित किया गया है। विवाह की सारी रस्में सकुशल संपन्न करने का प्रयास किया गया है। कुछ जोड़े बाद में शादी करने पहुंचे। सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह ने बताया, 99 जोड़े शादी के बंधन में बंधे हैं। जिन जोड़ों ने सही से शादी नहीं की उनके बारे में नहीं पता है। जो भी सामान दिया गया है, सब ओरिजिनल है। अगर शादी में शिकायत आती है तो कार्रवाई जरूर की जाएगी। अब जानिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह क्या है? अक्टूबर, 2017 से यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की। इसे समाज कल्याण विभाग करवाता है। इसमें उन्हीं लड़कियों की शादी होती है, जो यूपी की मूल निवासी हों। उनका परिवार गरीब और जरूरतमंद हो। परिवार की सालाना इनकम दो लाख रुपए से कम हो। ऐसे लोग cmsvy.upsdc.gov.in के जरिए अप्लाई कर सकते हैं। इस बार बस्ती में 513 लड़कियों ने अप्लाई किया था। सामूहिक विवाह की इस योजना में एक शादी पर 51 हजार रुपए का खर्च आता है। इसमें 35 हजार रुपए लड़की के खाते में भेजे जाते हैं। 10 हजार रुपए के गिफ्ट जोड़े को दिए जाते हैं। इसमें 2 साड़ी सेट होता है। दूल्हे को पैंट-शर्ट का कपड़ा और पगड़ी मिलती है। 5 लीटर का प्रेशर कुकर, ट्रॉली बैग, वैनिटी किट, दीवार घड़ी, डिनर सेट दिया जाता है। इस पूरी किट का वजन 8 किलो होता है। 30 ग्राम की चांदी की पायल, 10 ग्राम की बिछिया दी जाती हैं। बाकी के 6 हजार रुपए में प्रशासन शादी करवाने में खर्च करता है।
————————— ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ का समापन-पहले वीकेंड पर भीड़:श्रद्धालु बोले- पहले भीड़ ज्यादा थी, इसलिए आने की हिम्मत नहीं हुई महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को हो चुका है। समापन के बाद आज पहला वीकेंड है। संगम स्नान वालों की भीड़ ज्यादा है। आज और कल संडे की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने दो मार्च तक कर्मचारियों की ड्यूटी बढ़ा दी है। स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं का कहना है कि पहले इतनी भीड़ थी तो परिवार और बच्चों के साथ आने की हिम्मत नहीं हुई। अब आसानी से आकर स्नान कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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