नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष विवाद में नया टि्वस्ट आ गया है। इस मामले में जल्द ही कोई चौंकाने वाला निर्णय आ सकता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि विवाद के निपटाने के लिए बनाई गई कमेटी की जांच के आधार पर पार्टी किसी तीसरे विकल्प पर जा सकती है। यानी नेता प्रतिपक्ष के लिए संदीप साहू और आकाश तिवारी की लड़ाई में कोई तीसरा बाजी मार ले जाएगा। शनिवार को कमेटी ने सभी कांग्रेस पार्षदों के साथ वन टू वन चर्चा की। कमेटी जल्द ही अपनी सिफारिश के साथ जांच रिपोर्ट सौंपेंगी और इसके बाद नेता प्रतिपक्ष का ऐलान होगा। कमेटी के सामने चर्चा के दौरान संदीप साहू समेत इस्तीफा देने वाले पांचों पार्षद अपने स्टैंड पर अड़े रहे। उन्होंने कमेटी के सदस्यों को दो टूक कह दिया कि वे निर्दलीय से पार्टी में आए किसी व्यक्ति को नेता प्रतिपक्ष के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। पार्टी के किसी पार्षद को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। यदि आकाश को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो वे अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। कमेटी ने इस पूरे मामले से खुद को अलग रखने वाले दो पार्षद अर्जुमन एजाज ढेबर और शेख मुशीर ने भी न आकाश के पक्ष में कुछ कहा और न संदीप साहू के विरोध में। उन्होंने कहा वे पार्टी के साथ हैं। बड़ों की राजनीति में उलझ गए दो युवा नेता : सतही तौर पर दो पार्षदों के बीच उलझा दिख रहा नेता प्रतिपक्ष का विवाद दरअसल काफी गहरा है। विवाद के चेहरे भले ही आकाश तिवारी और संदीप साहू है, लेकिन पीछे कई ताकतें हैं। खासतौर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की लॉबी और स्थानीय नेताओं का बड़ा खेमा आमने सामने है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी आकाश के पक्ष में तो स्थानीय नेताओं का खेमा संदीप के लिए लॉबिंग कर रहा है। इस वजह से मामला उलझ गया है। इस विवाद निगम के पिछले कार्यकाल में एमआईसी सदस्य रहे आकाश तिवारी के टिकट कटने के साथ शुरू हुआ। ऐसा कोई कारण नहीं था कि आकाश तिवारी का टिकट काटा जाए। आकाश ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते भी। चुनाव जीतने के साथ ही आकाश ने पार्टी के आला नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया था। इस बीच, पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष चुनने की कवायद शुरू की।