निर्माणाधीन राइस मिल से ग्रामीणों को परेशानी:जांजगीर-चांपा में किसानों की फसल बर्बाद; मुआवजे की मांग पर अड़े

जांजगीर-चांपा के ग्राम देवरहा में एक निर्माणाधीन राइस मिल के कारण तनाव का माहौल है। मिल द्वारा पानी निकासी के रास्ते को बंद करने से 20 से अधिक किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है। ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंची तहसीलदार को किसानों ने मुआवजे की मांग करते हुए वापस लौटा दिया। राइस मिल के मालिक ने पानी निकासी के मुख्य स्थान पर डस्ट डालकर उसे बंद कर दिया है। इसके चलते किसानों के खेत जलमग्न हो गए और धान की फसल पूरी तरह तबाह हो गई। ग्रामीण इस नुकसान के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। राइस मिल संचालक पर मनमानी का आरोप दरअसल, उदयबंद ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम देवरहा के किसान राइस मिल संचालक की मनमानी से परेशान हैं। संचालक ने पहले ग्रामीणों को कॉलेज चलाने के नाम पर जमीन खरीदी थी, लेकिन अब वहां राइस मिल स्थापित कर रहा है। बारिश के पानी की निकासी जिस शासकीय भूमि से होती थी, उसे भी फ्लाई ऐश डालकर बंद कर दिया गया। तीन महीने पहले ग्रामीणों ने अपने खेतों से पानी निकासी की मांग को लेकर कलेक्टर और विधायक से शिकायत की थी। अधिकारियों ने उस स्थान पर नाली बनाने के बजाय मुख्यमंत्री सड़क योजना की सड़क खोदकर अस्थायी समाधान किया। हालांकि, इससे ग्रामीणों को विशेष लाभ नहीं मिला और खेतों में धान की एक बाली भी नहीं हो पाई। प्रभावित ग्रामीणों ने मांगा मुआवजा ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार देवरहा गांव पहुंचीं और राइस मिल के लिए हाई टेंशन लाइन बिजली खंभा तथा नए ट्रांसफॉर्मर लगाने पर चर्चा करने लगीं। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने तहसीलदार से अपनी बर्बाद हुई फसल के लिए मुआवजे की मांग की, जिसके बाद अधिकारी वहां से वापस लौट गईं। इधर, विधायक ब्यास कश्यप ने भी ग्रामीणों की फसल बर्बाद होने का मुख्य कारण राइस मिल संचालक और जिला प्रशासन द्वारा शिकायत की अनदेखी को बताया। उन्होंने किसानों को मुआवजा देने की मांग की और कहा कि यदि पहले पानी निकासी की व्यवस्था कर ली जाती तो ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती। देवरहा गांव मे राइस मील के मालिक से इस विषय मे जानकारी चाही गई लेकिन उन्होंने कैमरा के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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