मरीजों की सेवा और देखभाल करने वाले नर्सिंग स्टाफ को हर साल फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवॉर्ड दिया जाता है। इस बार फिर चंडीगढ़ से 5 नर्सों के नाम इस सम्मान के लिए भेजे गए हैं। देश में नर्सिंग प्रोफेशन का सबसे बड़ा यह सम्मान भारत सरकार द्वारा वर्ष 1973 में शुरू किया गया था। अब तक यह 7 बार चंडीगढ़ के हिस्से आ चुका है। इस बार पीजीआई, जीएमसीएच और जीएमएसएच—तीनों प्रमुख सरकारी अस्पतालों से नर्सिंग स्टाफ के नाम केंद्र को भेजे गए हैं। पीजीआई से दो, जीएमसीएच से दो, और जीएमएसएच से एक नाम भेजा गया है। अब सम्मानित होने वाले नामों की घोषणा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा की जाएगी। नर्सिंग स्टाफ: अस्पताल का सबसे अहम आधार डॉक्टरों से अधिक वक्त मरीजों के साथ बिताने वाले नर्सिंग स्टाफ को चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है। उनकी इसी समर्पित सेवा को सम्मानित करने के लिए यह अवॉर्ड हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर दिया जाता है। चंडीगढ़ GMSH-16 को 5 बार मिल चुका सम्मान पीजीआई को एक बार मिला सम्मान देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में गिने जाने वाले पीजीआई चंडीगढ़ को अब तक केवल एक बार यह अवॉर्ड मिला है। अमृता एडविन पीजीआई की वह एकमात्र नर्सिंग स्टाफ थीं, जिन्हें यह पुरस्कार मिला था। वह अब सेवा से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। जीएमसीएच को 2020 में मिला था पहला अवॉर्ड गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) के नर्सिंग ऑफिसर अजय को साल 2020 में यह सम्मान मिला था। यह इस अस्पताल के इतिहास में पहली बार था, जब किसी नर्सिंग अधिकारी को यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिला हो। अब सबकी निगाहें इस वर्ष के चयन परिणाम पर हैं। अगर इस बार भी चंडीगढ़ को यह अवॉर्ड मिलता है, तो यह शहर के चिकित्सा संस्थानों और यहां की नर्सिंग सेवा के लिए एक और गौरव का क्षण होगा।