‘का बा…’ फेम भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर वाराणसी पहुंचीं। उन्होंने महिला सुरक्षा, मंदिर-मस्जिद, राजनीति और बेरोजगारी के मुद्दे पर बेबाकी से दैनिक भास्कर के सवालों का जवाब दिए। नेहा ने कहा- IIT-BHU में छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ था। उसके तीनों आरोपी जेल से बाहर घूम रहे हैं। ये लोग (सरकार) ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात करते हैं। बेटी बनारस पढ़ने आई तो थी…न बेटी बच पाई, न पढ़ पाई। ये लोग (सरकार) सिर्फ हिंदू-मुसलमान को लड़वा रहे हैं। ये लड़वाने वाली राजनीति मुझे सही नहीं लगती। रही बात सवाल पूछने की तो सत्ता में जो होगा, उससे ही सवाल करूंगी। अखिलेश यादव भी सत्ता में आएं, उनसे भी कई सवाल पूछने हैं। मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दे उछाल कर लोगों को बरगलाना बंद कीजिए। हॉस्पिटल बनवाइए। बेरोजगारों को रोजगार और महिलाओं-बेटियों को सुरक्षा दीजिए। पढ़िए नेहा राठौर से हुई बातचीत… सवाल: आप भाजपा के खिलाफ हैं… या जो भी सत्ता में होगा उसके खिलाफ?
जवाब: सवाल सत्ता से ही होना चाहिए। आप अगर पॉवर में हैं। आपके पास चीजें बनाने और बिगाड़ने की जिम्मेदारी है तो सवाल तो उसी से ही पूछेंगे। दिल्ली की बात करें तो वहां AAP की सरकार है। इसलिए भाजपा या कांग्रेस से सवाल नहीं कर सकते। जो सत्ता में है, उसी से सवाल करेंगे। यूपी में योगीजी का राज-काज है। यहां भी मैंने ‘यूपी में का बा..’ के जरिए सवाल योगीजी से ही पूछा था। अखिलेश यादव से अभी नहीं पूछ सकती। एक बार सत्ता में अखिलेश भी आएं, उनसे भी सवाल पूछने हैं। सवाल: प्रयागराज के छात्रों की आवाज उठाकर आप फेमस हुईं, इस समय क्या मुद्दा है?
जवाब: छात्रों का मुद्दा अब भी हल नहीं हुआ। RO/ARO और नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ लोक सेवा आयोग के सामने छात्रों ने प्रदर्शन किया। लाठियां खाने को मजबूर हुए। पटना में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया। बच्चे प्रदर्शन करते रहते हैं, लाठियां खाते रहते हैं। बतौर लोकगायिका बेरोजगार और परेशान छात्रों की आवाज मैं गीत के जरिए उठाती रहती हूं। सवाल: सोशल मीडिया कमेंट्स को देखकर कभी निगेटिव महसूस किया?
जवाब: मैं लगभग सारे कमेंट्स पढ़ती हूं। लोग कहते हैं, सारे कमेंट न पढ़ो। पढ़ने लायक नहीं रहते। निगेटिविटी बढ़ती है, इससे स्ट्रेस होता है। लेकिन, मैं इन कमेंट्स को दूसरी नजरों से देखती हूं। कमेंट से ही लोग बताते हैं कि नेहा यहां पर ये हो रहा, इस मुद्दे पर बात करो। मैं कमेंट के जरिए लोगों की राय जानती हूं। फिर उस पर लिखती हूं। सवाल: संभल घटना और हिंदू एकता इन दिनों मुद्दा है। इस पर कुछ लिख रहीं?
जवाब: हां, अभी इस पर कुछ लिखने की कोशिश कर रही हूं। अभी देश में इस समय इतना माहौल खराब कर दिया कि क्या ही बताऊं? चाइना जमीन के नीचे सोना खोज रहा है। हम जमीन के नीचे मंदिर-मस्जिद खोज रहे हैं। ये हिंदू-मुसलमान को लड़वाने वाली राजनीति मुझे सही नहीं लगती। सवाल: मथुरा-काशी, मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर क्या कहेंगी?
जवाब: ये सब छोड़िए… मैं कहती हूं कि हमें रोजगार चाहिए। महंगाई कम कर दीजिए। वाराणसी आई तो मुझे पता चला कि IIT-BHU में छात्रा के साथ जो गैंगरेप हुआ था, उसके आरोपी जेल से छोड़ दिए गए। मैं इस बात से बहुत दुखी हूं। ये लोग ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात करते हैं। बेटी आई तो थी बनारस…पढ़ने के लिए…न बेटी बच पाई, न पढ़ पाई। घर चली गई और तीनों आरोपी जमानत पर बाहर घूम रहे हैं। सवाल: क्या आप राजनीति में आएंगी?
जवाब: मुस्कुराते हुए, नहीं…नहीं। अभी ऐसा कुछ नहीं। जब मुझे लगेगा कि राजनीति में आना चाहिए तो लोगों को बताकर आ जाऊंगी। —————— ये खबर भी पढ़िए- बस्ती में योगी बोले- एक सरकार थी, जिसने चीनी मिलें ही बंद करवा दीं, संसाधनों के अभाव में पिछड़ते गए युवा बस्ती में बुधवार को CM योगी ने कहा- एक सरकार थी, जिसने चीनी मिलों को ही बंद कर दिया। लेकिन, अब जब किसानों के हित में काम करने वाली सकारात्मक सोच की भाजपा सरकार आई तो सबसे सबसे पहले बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू कराया। आज अधिकांश चीनी मिलें अच्छा काम कर रही हैं। अगर पूर्वी यूपी में 50 वर्ष पूर्व अच्छे स्कूल-कॉलेज, अच्छी सुविधाएं और अच्छे संसाधन होते तो यहां का युवा भी देश के किसी भी क्षेत्र में सफलता की छाप छोड़ता। पर संसाधनों की कमीे के चलते यहां का युवा समय के साथ पलायन करता गया। और हमारी गलतियों के कारण पिछड़ कर रह गया। पढ़ें पूरी खबर…