नोनघटी बांध पर करोड़ो खर्च करने के बाद भी सिंचाई के लिए किसानों को नहीं मिल रहा पानी
पुष्पराजगढ़। जिले के पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के ग्राम बहपुर में बने नोनघटी बांध बने 10 वर्ष हो चुके है। 5 करोड़ से निर्मित बांध में 23 लाख रुपए की नहर तथा 1 करोड़ 48 लाख का रिटेनिंग वॉल के अलावा 40 लाख रुपए नहर मरम्मत पर खर्च हो चुके हैं, तब भी सभी किसानों को पानी नहीं मिल रहा। नहर निर्माण का अधूरा रहने के कारण किसानों को सिंचाई के के लिये पानी नहीं मिल पा रहा है। नहर निर्माण कार्य सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। रिटेनिंग बाल के लिए 1 करोड़ 48 लाख का एस्टीमेट बना दिया, जिसकी जांच अभी तक नहीं हो पाई है। वर्ष 2023-24 में वर्तमान एसडीओ जल संसाधन विभाग द्वारा जलाशयों को लाभ का धंधा की तर्ज पर नोंनघाटी बांध में मनरेगा योजना से एक करोड़ 48 लाख की लागत का एस्टीमेट बनाकर रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य कराया गया। जबकि अगर वास्तविकता में देखा जाए तो रिटेनिंग बाल निर्माण कार्य में मुश्किल से 84 लाख रुपए ही खर्च किए गए होंगे। जिसकी जांच किए जाने की मांग ग्रामवासियों द्वारा की गई है। इसी प्रकार से वर्ष 2023-24 में ही नहर मरम्मत मेंटेनेंस के नाम पर मनरेगा योजना से चार भाग में लगभग 40 लाख रुपए का आहरण विभाग द्वारा किया गया है इसके बावजूद भी सभी किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है।
400 हेक्टेयर में होनी है सिंचाई
नोनघटी बांध को तैयार हुए 10 वर्ष पूरे हो गए हैं, इस बांध से 400 हेक्टेयर भूमि सिंचित होने का लक्ष्य रखा गया था। जिसमे सैकड़ों किसानों को लाभ मिलना था, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी इसका लाभ सभी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा कहा गया था, निर्माण कार्य की जांच करने के साथ कार्यवाही की जाएगी, लेकिन जांच ठंडा बस्ते में ही रह गया है। वर्तमान में पूछा गया कि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा जांच पूरी करा ली गई है। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है, वहीं वर्तमान में स्थिति पहले जैसी ही है। किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है।