न कोई प्लानिंग न कोई अनुभवी कर्मचारी धान खरीदी केंद्र में घोर अव्यवस्था
राइस मिलरों पर अनुबंध का दबाव
अनूपपुर। हाल ही में भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत उपार्जन वर्ष 2024- 25 में धान खरीदी के लिये एनसीसीएफ एजेंसी को कार्य सौंपा है। भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत उपार्जन वर्ष 2014-25 में धान खरीदी के लिये एनसीसीएफ एजेंसी को कार्य सौंपा है। जिनके द्वारा अनूपपुर जिले की धान उपार्जन का कार्य देखा जा रहा है। पूर्व में यह कार्य नाॅन को दिया जाता था। एनसीसीएफ कम्पनी द्वारा अपने कर्मचारी भेज कर धान उपार्जन का कार्य तो शुरू किया गया, लेकिन कंपनी के पास खुद का ना से कोई ऑफिस है और ना ही कोई ऐसा उपकरण और ना ही कोई ऐसी प्लानिंग या अनुभव जो कि धान खरीदी सुगम तरीके से हो सके। प्राइवेट कम्पनी द्वारा नाॅन विभाग के कम्प्यूटरो का उपयोग किया जा रहा है जिले के अधिकारी प्राइवेट कम्पनी को हर संभव मदद कर रहे है।
अनुभवहीन सर्वेयर बने सर दर्द
धान उपार्जन के समय कई वर्षों से सर्वेयर का कार्य देख रहे पुराने सर्वेयरो को नई एजेंसी द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया गया जिससे अब कर्मचारी नौकरी से बाहर हैं उनकी जगह नए और अनुभविहीन कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई है जिससे अनूपपुर के लगभग सभी उन केंद्रों में किसानों को अव्यवस्था और एजेंसी की मनमानी का सामना करना पड़ता है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी के सर्वेयर द्वारा किसानों का धान की पहले रिजेक्ट किया जाता है और फिर लेन-देन के बाद उनके धान को खरीदने के लिए स्वीकार कर लिया जाता है। हाल ही में पूर्व सर्वेयरो द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर दोबारा पदस्थ किए जाने की मांग की गई थी। शिकायत पत्र में उन्होंने लिखा कि बीएससी कृषि पास करने के बाद भी और सालों का अनुभव होने के बाद एजेंसी द्वारा उन्हें निकाल दिया गया है जबकि कार्य की पात्रता न होने वाले व्यक्तियों को एजेंसी द्वारा सर्वेयर की भूमिका निभाने के लिए पदस्थ किया गया।
कम्पनी से किसान परेषान
धान उपार्जन के लिए प्राइवेट कम्पनी एनसीसीएफ के धान उपार्जन के 18 दिनों के बाद भी आज किसानों को एक रुपये का भुगतान नहीं किया जा सका, जिसका सबसे बड़ा कारण एजेंसी की लापरवाही और अनुभव की कमी है। मुख्यमंत्री के आदेश और किसानों से किए गए वादे के अनुसार तीन दिन के अंदर किसानों के खातों में उपार्जन और खरीदी के बाद धान के भुगतान की राशि खाते में आ जानी चाहिए थी। लेकिन उक्त एजेंसी के कार्य रवैया के कारण आज दिनांक तक 20 दिनो के बाद भी खाते में राशि नहीं पहुंची है। किसान की स्थिति बहुत ही चिंताजनक स्थिति में है। किसानों को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
मिलरों का भरोसा उठा
सरकार द्वारा नए तरीके से नए प्रकार के प्रयोग से किसानो को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। नई एजेंसी के कारण धान उपार्जन में भारी परेषानी और अव्यवस्था का आलम व्याप्त है।
अब तक सिर्फ 25 प्रतिषत खरीदी
जिला आपूर्ति अधिकारी के अनुसार वर्ष 2024 के धान खरीदी केन्द्रो में धान बेचने के लिए 21 हजार 3 सौ 75 किसानो ने पंजीयन कराया है जिससे अनुमानित साढ़े दस लाख क्विंटल धान उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है अब तक लक्ष्य का लगभग 25 प्रतिषत के आसपास धान की खरीदी हो चुकी है। अधिकारी ने बताया कि जिले के धान खरीदी केन्द्रो में 3 लाख क्विंटल के लगभग धान का उपार्जन किया जा चुका है।
इनका कहना है
किसानो के भुगतान के संबंध में शुरूवाती दिनो में कुछ समस्याओं की वजह से देरी हुई थी अब जिले के 21 मिलरों ने अनुबंध कर लिया है धान का उठाव खरीदी केन्द्रो से तेजी से हो रहा है आज दिनांक तक 15 करोड़ 40 लाख रुपये के ईपीओ जारी हो गए है। जल्द ही किसानों के खाते में राशि स्थानांतरित होगी। हम किसानों का सम्पूर्ण भुगतान तेजी से कराने का प्रयास कर रहे है।
पी अनिल कुमार
जिला समन्वयक एनसीसीएफ अनूपपुर