पंजाब पटाखा फैक्ट्री में घायलों की संख्या 44 पहुंची:बोले- दर्द और भूख से तड़पते रहे, दिनभर नहीं मिला सही इलाज

पंजाब में मुक्तसर के सिंघेवाला गांव में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में घायल वर्करों की संख्या 44 तक पहुंच गई है। देर रात जिला प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट जारी की। उसी के मुताबिक, फैक्ट्री में काम करने वाले कुल 49 वर्कर थे। इनमें से 38 घायलों का इलाज बादल सब डिविजन सरकारी अस्पताल में चल रहा है, जिनकी हालत में कुछ सुधार है। वहीं 6 गंभीर स्थिति वाले वर्कर बठिंडा के एमएस में दाखिल हैं। इनमें कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं हादसे में 5 वर्करों की मौत हो चुकी है। इन मृतक वर्करों के शवों का आज शनिवार को गिडडेबाहा सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम होगा। देर रात को मृतक और घायलों के परिजन पंजाब पहुंचे। घायलों और मृतकों में उत्तर प्रदेश और बिहार के वर्कर शामिल हैं। पुलिस भी घायलों के बयान दर्ज करने में जुटी है। घायल बोले- दर्द और भूख से तड़पते रहे घायल अमित, मोहित, अजय और सुनील ने बताया कि उनको बादल और बठिंडा अस्पताल के चक्कर कटवाते रहे। देर शाम साढे सात बजे तक उनको खाना भी नसीब नहीं हुआ। एक तरह से चोटों के दर्द और भूख दोनों से तड़पते रहे। घायलों ने स्टाफ को कई बार दवा देने को कहा, पर किसी ने समय पर सुध नहीं ली। घायलों को दूसरी मंजिल से पट्टी करवाने को नीचे बुलाया गया। हादसे में इन लोगों की हुई मौत उत्तर प्रदेश हाथरस जिले के नेहराजितर सिकंदरन निवासी नवराज​, निसुलीगडू से गांव सरकार निवासी नीरज, सफेदपुरा निवासी दानवीर, दिवासा से गांव टाबरी निवासी अखिलेश और राहुल का नाम शामिल है। घायलों का चल रहा इलाज मलोट सब डिविजन से एसडीएम जसबीर सिंह बराड़ ने बताया कि हादसे में घायल और मृतकों की जानकारी जुटा ली है। करीब 44 वर्कर घायल हो चुके हैं और पांच वर्कर की मौत हो चुकी है। सरकार एवं प्रशासन का पूरा सहयोग है। घायलों का इलाज चल रहा है। ऐसा नहीं सोचा था कि घायलों के साथ ऐसा बर्ताव होगा – अमृता वडिंग शुक्रवार शाम करीब साढे 6 बजे कांग्रेस से जिला प्रधान अमरेंद्र सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता वडिंग भी घायलों से मिलने के लिए बादल अस्पताल में पहुंची। इस दौरान घायलों ने बताया कि उनको न समय पर इलाज मिला है और न ही गर्मी से बचाव के उचित प्रबंध हैं। वार्ड और इमरजेंसी में पंखे ही नहीं चल रहे थे। इस पर अमृता वडिंग भड़क गई और डॉक्टरों काे मौके पर बुलाया और स्टाफ व डॉक्टर से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने इन खामियों को दूर करने के लिए कहा और डॉक्टरों को सबसे पहले घायलों को इलाज देने की बात कही। यह भी चेतावनी दी कि जब तक घायलों को इलाज नहीं मिलता, तब तक वह यहीं पर बैठी हैं। अमृता वडिंग ने सरकारी तंत्र पर सवाल उठाए और कहा कि बहुत बुरा हाल है। ऐसा नहीं सोचा था कि घायलों के साथ ऐसा बर्ताव होगा। सबसे पहले इलाज मिलना जरूरी थी और बाद में खाना भी। इनको कुछ नहीं मिला। उन्होंने कार्यकर्ताओं से खाने की व्यवस्था करने को कहा।

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