राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ((NIA)) ने पंजाब पुलिस के साथ एक रिपोर्ट साझा की है। जिसमें दावा किया गया है कि पंजाब को आतंकी हमलों से दहलाने की साजिश रची जा रही है। इसमें पहला निशाना पंजाब पुलिस के थाने होंगे। क्योंकि इससे पहले पंजाब के करीब पांच पुलिस थानों पर ग्रेनेड और आईईडी हमले हो चुके हैं। जिसके बाद से एनआईए पंजाब पर नजर रख रही थी। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खालिस्तानी आतंकी 1984 में इस्तेमाल किए गए डेड ड्रॉप मॉडल की तर्ज पर हमले कर रहे हैं। 1984 की तरह अब फिर से पंजाब को दहलाने की कोशिश की जा रही है। इसे लेकर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। क्या है डेड ड्रॉप मॉडल, पढ़ें… डेड ड्रॉप मॉडल एक तरह से टारगेट किलिंग होता है। बस इसमें किसी एक व्यक्ति को नहीं टारगेट करते, किसी बिल्डिंग या फिर किसी संस्थान को टारगेट किया जाता है। आरोपी पहले अपना टारगेट चुन लेते हैं, फिर वारदात को अंजाम देते हैं। इस मॉडल को विदेश से हैंड किया जाता है। साथ ही टारगेट करने के लिए लोकल एरिया के लोग चुने जाते हैं। जिसे रास्तों की अच्छी जानकारी हों और संगठन के साथ जुड़ने को तैयार हों। सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस बरामद खालिस्तान टाइगर फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और अन्य आतंकी संगठन चाइनीज डिवाइसों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि एनआईए को कुछ संदिग्ध चीजें मिली हैं जो चीनी हैं। बरामद सभी सामान आतंकी उपकरण बनाने और एआई के जरिए धमाके करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। साथ ही ये उपकरण ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल देशों की सेनाओं द्वारा किया गया है। ऐसे में एजेंसी मान रही है कि उक्त आतंकी पाकिस्तान की आईएसआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ताकि पंजाब को किसी तरह से दहलाया जा सके। 5 दिसंबर की रात मजीठा थाने में हुआ था ब्लास्ट अमृतसर में मजीठा में थाने के अंदर बीते 5 दिसंबर को 10.05 बजे धमाका हुआ था। धमाका इतना जोरदार था कि थाने की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। थाने के अंदर हैंडग्रेनेड फेंका गया था। इसकी जिम्मेदारी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए आतंकी हैप्पी पासिया, गोपी नवांशहरिया और जीवन फौजी द्वारा ली गई थी। DSP जसपाल सिंह ढिल्लों ने तब कहा था कि यहां बाइक का टायर फटा है। अमृतसर पुलिस चौकी में हुआ था धमाका, जिसे पुलिस ने टायर फटना बताया 28 नवंबर को अमृतसर पुलिस की पुरानी चौकी गुरबख्श नगर में ब्लास्ट हुआ था। उक्त हमला भी हैंड ग्रेनेड से करवाया गया था। इसकी जिम्मेदारी भी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए ली गई थी। पंजाब पुलिस के फोरेंसिक टीम से जुड़े सूत्रों की माने तो उक्त जगह पर कई संदिग्ध चीजें मिली थीं, जोकि हैंड ग्रेनेड होने की संभावनाओं को बढ़ाता है। हालांकि इसे लेकर भी पुलिस ने कोई अधिकारिक बयान हनीं जारी किया था। अजनाला थाने के बाहर रखवाया था आईईडी अमृतसर में 23-24 नवंबर की रात को अजनाला थाने के बाहर IED भी प्लांट किया गया था, जो तकनीकी खराबी के कारण फटा नहीं। पुलिस को ये IED सुबह मिला था। ये IED भी आतंकी हैप्पी पासिया और गोपी नवांशहरिया ने रखवाया था। सीसीटीवी फुटेज में बाइक पर आए 2 युवक थाने के एक साइड पर IED रखते और उसका डेटोनेटर थाने के दरवाजे पर लगाते नजर आए थे। ताकि कोई थाने का दरवाजा खोले तो ब्लास्ट हो जाए।