सरगुजा संभागायुक्त ने पटवारी अमरजीत भगत का निलंबन रद्द कर दिया है। संभागायुक्त ने इस निलंबन को निराधार और मिथ्या शिकायत पर आधारित बताया। संभागायुक्त कार्यालय, सरगुजा ने कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को पत्र जारी कर 7 दिनों के भीतर नियमानुसार आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अमरजीत भगत का निलंबन उनके पिता सोमनाथ भगत का ‘उरांव’ जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद किया गया था। सोमनाथ भगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महली भगत के बेटे हैं। वो पहले से ही जमीन विवाद और प्रशासनिक कार्रवाई का सामना कर रहे थे। राजस्व विभाग कुसमी ने शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ जमीन संबंधी प्रकरण चलाया था। बाद में 170 ‘ख’ के मामले में उनके घर पर बुलडोजर चलाकर तोड़फोड़ भी की गई थी। इसी बीच जिला स्तरीय समिति ने सोमनाथ भगत का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था। इसी निरस्त आदेश को आधार बनाकर कुछ ही दिनों में उनके बेटे अमरजीत भगत को भी निलंबित कर दिया गया। उच्च स्तरीय समिति ने दी जाति को मान्यता हालांकि, लंबे संघर्ष और जांच के बाद उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति, संचालनालय आदिम जाति अनुसंधान-प्रशिक्षण संस्था, नया रायपुर (अटल नगर) ने सोमनाथ भगत को विधि अनुसार ‘उरांव’ जाति का मान्य सदस्य घोषित कर दिया। इसके बाद अमरजीत भगत ने अपने निलंबन को निरस्त कराने के लिए पूरा मामला आयुक्त सरगुजा के समक्ष प्रस्तुत किया। उच्च स्तरीय समिति ने जाति को वैध माना आयुक्त नरेंद्र कुमार दुग्गा ने 5 दिसंबर 2025 को कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि अमरजीत भगत का निलंबन मिथ्या शिकायत और निरस्त जाति प्रमाण पत्र का परिणाम था, जबकि उच्च स्तरीय समिति ने जाति को वैध माना है। पत्र में यह भी उल्लेख है कि अमरजीत भगत ने 4 दिसंबर 2025 को आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसके साथ 27 नवंबर 2025 को जारी उच्च स्तरीय समिति के आदेश संलग्न थे। इसी क्रम में आयुक्त ने 18 अगस्त 2025 के निलंबन आदेश को निरस्त करते हुए 7 दिनों के भीतर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।


