बालाघाट में एक वृद्ध की कीटनाशक पीने से हुई मौत के मामले में रूपझर पुलिस ने बयान जारी किया है। पुलिस ने वृद्ध द्वारा पुलिस के डर से जहर खाने की बात को गलत और तथ्यहीन बताया है। पुलिस के अनुसार, मृतक पंचम सिंह धुर्वे के खिलाफ एक अपराध दर्ज था, जिसमें उसे कानूनी नोटिस दिया गया था। रूपझर पुलिस ने प्रेस को बताया कि फरियादी उमन सिंह भलावी (58) की रिपोर्ट पर पंचम सिंह धुर्वे के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज था, जिसमें उमन सिंह को फ्रैक्चर हुआ था। पुलिस ने एक महीने पहले 31 अक्टूबर को पंचम सिंह को न्यायालय में उपस्थित होने का विधि सम्मत नोटिस दिया था। मृतक को जारी किया गया था कानूनी नोटिस पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह एक सामान्य न्यायिक प्रक्रिया थी और पंचम को न्यायालय में तलब करने या उस पर घर जाकर दबाव बनाने जैसा कुछ नहीं था। मामले में गिरफ्तारी की भी आवश्यकता नहीं थी, इसलिए उसे पुलिस का कोई डर नहीं था। दरअसल, 2 दिसंबर की रात डोरा चौकी क्षेत्र के पंचम सिंह धुर्वे की जिला अस्पताल में कीटनाशक दवा खाने से मौत हो गई थी। 3 दिसंबर को जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के दौरान, परिजनों और परिचितों ने मीडिया को बताया था कि पंचम सिंह पुलिस द्वारा थाना बुलाए जाने से डरा हुआ था। संभवतः इसी डर के कारण उसने घर में रखी जहरीली दवा खा ली थी। इलाज के दौरान मंगलवार देर रात उसकी मौत हो गई। अस्पताल चौकी पुलिस शव को किया बरामद पंचम की अस्पताल में मौत के बाद डॉक्टरों की तहरीर पर अस्पताल चौकी पुलिस ने शव बरामद किया। पंचनामा कार्यवाही के बाद शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया। रूपझर पुलिस ने बताया कि पंचम की मौत के बाद मर्ग कायम कर विधिवत जांच की जा रही है। पंचम सिंह धुर्वे थाना में दर्ज एक अपराध में जमानत पर था, जिसके आपराधिक मामले का चालान न्यायालय में पेश होना था। गत दिवस, इस मामले में एएसआई धनेंद्र कलिहारी ने नोटिस भेजने का जिक्र नहीं किया था, जबकि अब रूपझर पुलिस नोटिस भेजे जाने की बात कह रही है।


