पर्यावरण की रक्षा के लिए किया जाता है पौधारोपण

भास्कर न्यूज| कोडरमा झुमरी तिलैया स्थित गायत्री शक्तिपीठ न केवल आध्यात्मिक संदेश फैलाने के साथ ही सामाजिक दायित्व का कार्य भी निभा रहा है। यहां लोगों की आध्यात्मिक जिज्ञासा शांत करने के साथ ही कई सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं। कोडरमा गायत्री परिवार सेवा के द्वारा ब्लड डोनेशन कैम्प,जरूरतमंदों के बीच भोजन और वस्त्र वितरण किया जाता है। स्लम क्षेत्र में बाल संस्कारशाला चलाना,नई पीढ़ी निर्माण के लिए गर्भवती माँ बहनों को आओ गठें संस्कारवान पीठी का प्रशिक्षण देना।गायत्री परिवार के ईश्वर साव ने बताया की गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने भविष्य की समस्याओं को लेकर उनके गुरुदेव से कई महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए जिसमें बोओ और काटो के साथ प्यार बांटने की बात कही। कई कठिन तप के बल पर सभी कार्य पूरा करने का संकल्पित किए। बसंत पर्व 1926 से ही कई लक्ष्य के कई पुरुश्चरण किए। गायत्री शक्तिपीठ झुमरीतिलैया में साधनात्मक आंदोलन के दौरान सामुहिक 24 घंटे का जप जिलेभर के कार्यकर्ताओं के सहयोग से हर एक घंटे की पूर्व सुनियोजित तरीके से हर घंटे में करीब 160 के लगभग साधकों के द्वारा सामुहिक जप विश्व कल्याण के भाव से किया गया। बच्चियों के कन्या कौशल शिविर का आयोजन,संस्कार का बढावा देने के लिए कई शिविर आयोजन कराना। साथ ही अंधविश्वास, रूठी मान्यता पर पर्दा हटाने का संकल्प, पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधारोपण और संरक्षण,भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन और प्रोत्साहन बच्चों के लिए खेल प्रतियोगिता, सामुहिक तर्पण, रुद्राभिषेक, आदर्श विवाह, भाषण संभाषण प्रतियोगिता, छात्रों के लिए एकाग्रता बढ़ाने के लिए कई प्रयोग, अध्यात्म और विज्ञान का संयुक्त रूप से परिष्कृत पर चर्चा करना। यह कार्य पिछले कई वर्षों से जारी है। वही हवन और रुद्राभिषेक जैसे धार्मिक अनुष्ठान भी होते हैं। अधिकतर धार्मिक कार्य देव कन्याओं द्वारा संपन्न कराए जाते हैं।

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