पलारी में अवैध शराब कारोबार का भंडाफोड़:10 गिरफ्तार, शराब और महुआ जब्त, पूरे क्षेत्र में होती थी सप्लाई

बलौदाबाजार जिले के पलारी थाना अंतर्गत खैरी गांव में चल रहे महुआ शराब के कारोबार पर पुलिस ने कार्रवाई की है। एसपी भावना गुप्ता के नेतृत्व में चलाए गए अभियान से इस अवैध धंधे को भारी नुकसान पहुंचा है। खैरी से हर महीने लाखों रुपए की महुआ शराब पूरे क्षेत्र में तस्करी की जाती थी। खैरी और उसके आसपास के घने जंगल अवैध शराब की फैक्ट्रियों के लिए लंबे समय से एक सुरक्षित ठिकाना बने हुए थे। इन ठिकानों पर बड़े पैमाने पर महुआ शराब का निर्माण होता था और एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से इसकी पूरे अंचल में तस्करी की जाती थी। इस अवैध कारोबार से माफियाओं को बड़ी आर्थिक आय होती थी। पलारी पुलिस की छह महीने की विशेष रणनीति सफल पिछले छह महीनों से पलारी पुलिस ने इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए विशेष रणनीति अपनाई। इसमें नियमित गश्त, विशेष निगरानी और गुप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई शामिल थी। इस अभियान के तहत जंगलों के भीतर छिपी कई अवैध डिस्टिलरियों का भंडाफोड़ किया गया, जहां से मासिक लाखों रुपए का कारोबार संचालित होता था। अवैध डिस्टिलरियों पर कार्रवाई, शराब और सामग्री जब्त पुलिस ने अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। कार्रवाई के दौरान लगभग 500 लीटर तैयार महुआ शराब जब्त की गई। इसके अतिरिक्त, 500 क्विंटल से अधिक महुआ पास (कच्चा माल) नष्ट किया गया और शराब बनाने में उपयोग होने वाले बर्तन, गैस चूल्हे और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए। इन कार्रवाइयों से अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगी है। अवैध शराब कारोबार 90% तक ठप इन कार्रवाइयों का सीधा असर यह हुआ है कि क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार करीब 90 प्रतिशत तक ठप हो गया है। उस मासिक तस्करी के रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने इस सफलता को सामुदायिक सहयोग का परिणाम बताया। ग्रामीण, जो लंबे समय से इस अवैध धंधे से पैदा होने वाली सामाजिक अशांति और आर्थिक शोषण से त्रस्त थे, उन्होंने पुलिस को सक्रिय सूचनाएं देना शुरू किया। बचे हुए नेटवर्क पर फोकस, फरार आरोपियों की तलाश जारी थाना प्रभारी हेमंत पटेल ने बताया कि अब उनका फोकस इस सफलता को स्थायी बनाने और बचे हुए तस्करी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने पर है। फरार आरोपियों की तलाश जारी है। खैरी का यह परिवर्तन पूरे जिले के लिए एक संदेश है कि पुलिस और समुदाय की साझेदारी से किसी भी अवैध कारोबार पर विराम लगाया जा सकता है, चाहे वह कितना ही बड़ा और मुनाफे वाला क्यों न हो।

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