भास्कर न्यूज | बगोदर देवों के देव महादेव की नगरी हरिहरधाम में सावन की पहली सोमवारी पर करीब 12 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि इस बार महिला श्रद्धालुओं की संख्या अधिक हो सकती है। हर सोमवारी और सावन पूर्णिमा पर यहां भारी भीड़ जुटती है। इसी को देखते हुए मंदिर परिसर में पुलिस बल की मांग की गई है। श्रद्धालु पुलिस की मौजूदगी में जलाभिषेक करेंगे। मंदिर प्रबंधन ने परिसर में चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे सोने-चांदी के आभूषण पहनकर न आएं। अपने सामान की सुरक्षा खुद करें। सावन शुरू होते ही हरिहरधाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। सोमवारी को यहां सबसे ज्यादा भीड़ होती है। हजारीबाग, गिरिडीह और झारखंड के अन्य हिस्सों से श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। रांची से देवघर और सुल्तानगंज जाने वाले श्रद्धालु भी यहां रुककर पूजा करते हैं। हरिहरधाम बगोदर प्रखंड मुख्यालय से एक किलोमीटर दूर बगोदर-हजारीबाग मार्ग पर स्थित है। यहां 65 फीट ऊंचा शिवलिंग है, जो मंदिर का मुख्य आकर्षण है। गर्भगृह में शिवलिंग की पूजा होती है। परिसर में बजरंगबली और राधा-कृष्ण के मंदिर भी हैं। बाग-बगीचे और उत्तरवाहिनी जमुनिया नदी के किनारे स्थित यह धाम श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। सावन में पूजा-पाठ के साथ शादी-विवाह के लिए भी यह स्थान प्रसिद्ध है। शुभ मुहूर्त पर वर-वधु पक्ष के लोग यहां विवाह रचाने पहुंचते हैं। 1988 मेंसाधु अमरनाथ ने की थी िशवलिंग की स्थापना वर्ष 1988 में पश्चिम बंगाल निवासी साधु अमरनाथ मुखोपाध्याय ने 65 फीट ऊंची शिवलिंग की स्थापना की थी। अब हरिहरधाम की आकृति को आसपास के इलाकों में भी अपनाया गया है। बगोदर, सरिया और अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के शिव मंदिर बनाए गए हैं। हरिहरधाम चट मंगनी पट विवाह के लिए भी जाना जाता है। यहां बिना आडंबर के विवाह होते हैं। मंदिर हरिहरधाम ट्रस्ट के अधीन संचालित है। मंदिर प्रबंधक भीम यादव ने बताया कि सावन की सोमवारी पर भारी भीड़ होती है। इसी कारण परिसर में चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर सोमवारी और पूर्णिमा पर पुलिस बल की तैनाती जरूरी है।