छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एक पत्थर खदान के गड्ढे में डूबने से 2 मासूम बच्चों की मौत हो गई है। गड्ढे में बारिश का पानी भरा हुआ था। वहीं SDRF और ग्रामीणों ने मिलकर दोनों के शव को निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया। मृत बच्चों का नाम संदीप नाग (5) और जयश्री (6) बताया जा रहा है। ये दोनों हजारी गुड़ा गांव के रहने वाले थे। वहीं बच्चे पत्थर खदान कैसे पहुंच गए इसकी जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो खेलते-खेलते दोनों खदान की तरफ चले गए थे। दोनों का पैर फिसला और पानी में गिर गए। वहीं बिलासपुर जिले के खारुन नदी में बुजुर्ग की लाश मिली है। दो दिन पहले वह मंदिर जाने के लिए निकला था, जिसके बाद घर नहीं लौटा। जिस पर परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। रविवार को उनकी लाश नदी मिली। इस बीच छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आज भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने उत्तरी-दक्षिणी हिस्से के 16 जिलों में बिजली गिर सकती है। बाकी बचे मध्य हिस्सों के जिलों में मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है। मध्य हिस्से में चार दिन बाद अच्छी बारिश होने की संभावना है। सोमवार को बलरामपुर और रायपुर में कुछ इलाकों में बारिश हुई। छत्तीसगढ़ में पिछले 48 घंटे में सरगुजा संभाग के सभी जगहों पर मध्यम से भारी बारिश हुई है। लेकिन बलरामपुर में सबसे ज्यादा पानी बरसा है। इसके अलावा प्रदेश के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। यही स्थिति अगले चार से पांच दिन और बनी रहेगी। मध्य छत्तीसगढ़ में कम बारिश होगी। पिछले 6 दिनों में सिर्फ 30.1 MM औसत बारिश 28 जुलाई तक 603 MM औसत बारिश प्रदेश में हुई थी। 29 जुलाई को यही आंकड़ा 611.5 MM और 30 जुलाई को 623 MM, 31 जुलाई को 627.1MM तक पहुंचा और एक अगस्त को 629.2 MM बारिश ही हुई। 2 अगस्त को बारिश का आंकड़ा सिर्फ 633 MM तक ही पहुंच पाया। हालांकि 3 अगस्त को बारिश के आंकड़े में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है। लगभग 7MM बारिश प्रदेश में रिकॉर्ड की गई। जो पिछले चार दिनों से हो रही बारिश से बेहतर है। दरअसल, 28 और 29 जुलाई के बीच 8.5 MM, 29 और 30 जुलाई के बीच 11.5 MM, 30 से 31 जुलाई के बीच 4.1MM, 31 से 01 अगस्त के बीच 2MM बारिश हुई। वहीं 1 अगस्त से 2 अगस्त के बीच सिर्फ 4MM बारिश हुई। 02 से 03 अगस्त के बीच 7 MM बारिश हुई है। यानी 28 जुलाई से 03 अगस्त के बीच सिर्फ 37.1 MM औसत बारिश ही दर्ज की गई। जून से जुलाई के बीच 623.1 MM मिलीमीटर बारिश प्रदेश में 1 जून से 30 जुलाई तक कुल 623.1 MM मिमी बारिश हुई। जबकि 558MM के करीब होनी चाहिए थी। यानी एक्चुअल से 12 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। वहीं सिर्फ जुलाई महीने की बात करें तो कुल 453.5 मिमी बारिश हुई है। पिछले 10 सालों में सिर्फ 2 बार ही जुलाई में बारिश का आंकड़ा 400MM पार हुआ है। 2023 में जुलाई माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा 566.8MM पानी बरसा था। इससे पहले 2016 में 463.3MM पानी गिरा था। बलरामपुर में सबसे ज्यादा बारिश, बेमेतरा में कम प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 1005.3 मिमी वर्षा हुई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 325.2 मिमी पानी बरसा है। जानिए इसलिए गिरती है बिजली दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ