गुना लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद डॉ. केपी यादव बुधवार सुबह हेड पोस्ट ऑफिस स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंचे। वे यहां अपनी पत्नी के पासपोर्ट से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कराने आए थे। हालांकि, उनका यह दौरा चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि यह वही पासपोर्ट ऑफिस है जिसके निर्माण और उद्घाटन को लेकर श्रेय की राजनीति गरमाई थी और इसे लेकर विवाद भी हुआ था। मीडिया से चर्चा करते हुए केपी यादव ने पार्टी से नाराजगी की खबरों को खारिज किया। गौरतलब है कि इसी पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन इसी वर्ष जनवरी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था। लेकिन इससे पहले, तत्कालीन सांसद रहते हुए केपी यादव ने फरवरी 2024 में इसका लोकार्पण कर दिया था। उस समय यादव पर चोरी-छिपे उद्घाटन करने के आरोप लगे थे। वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ कैंची, फीता और मिठाई लेकर पहुंचे थे और फीता काट दिया था। इसे लेकर काफी सियासी घमासान मचा था। ‘महानगरों जैसी सुविधा देना मेरा प्रयास था’
पासपोर्ट ऑफिस विवाद पर केपी यादव ने कहा, “मैं गुना का व्यक्ति हूं। मैं होता या चाहे मेरी जगह कोई और कार्यकर्ता होता, अगर वो ऐसे पद पर पहुंचा था, सांसद बना था, ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। मेरा प्रयास था कि मेरे गुना में भी वो हर सुख, सुविधा होनी चाहिए जो महानगरों में होती है। मैंने अपना कर्तव्य निभाया।” आपको बिहार चुनाव में भेजा गया था, वहां क्या परिणाम रहा?
ये मेरा सौभाग्य है कि बिहार जैसे स्टेट में शीर्ष नेतृत्व ने मुझे चुना। वहां मुझे एक लोकसभा समस्तीपुर लोकसभा की जिम्मेवारी दी गई थी, जिसमें छह विधानसभा थीं। ये बहुत खुशी की बात है कि छह की छह विधानसभाओं में हमने बड़े अंतर से जीत हासिल की। पूरे बिहार में मोदी जी के नेतृत्व में NDA की सरकार बनी है और बहुत अच्छा रिजल्ट बिहार में आया है। संगठन या सरकार की ओर से आपको प्रदेश में कुछ प्रोमिस किया है क्या?
देखिए, हमारे प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री जी भी हमेशा यही कहते हैं, हमारा शीर्ष नेतृत्व भी एक ही वाक्य बोलता है और वो हम एक एक कार्यकर्ता को रटा हुआ है कि हम सभी सबसे पहले कार्यकर्ता हैं। और एक कार्यकर्ता के रूप में हम काम करते हैं, तो जो भी जिम्मेवारी पार्टी देती है, उस दायित्व का निर्वहन हम पूरी मेहनत, पूरी लगन से करते हैं। वहीं मैं कर रहा हूं, जहां जो दायित्व मिलता है, वो हम पूरी ईमानदारी से निभाते हैं। बीच में खबरें आई थीं कि पार्टी से आप नाराज हैं?
ऐसा किसने कह दिया। मेरा एक भी वाक्य आप बता दें कि कभी मुझे नाराजगी रही हो। मैं जिस दिन से भारतीय जनता पार्टी का सदस्य बना हूं, जिस दिन से कार्यकर्ता बना हूं, जो जिम्मेदारी मुझे जहां दी गई, पूरी मेहनत से उसका निर्वहन किया है। इस पासपोर्ट ऑफिस का आप उदघाटन कर के गए, जिसके बाद काफी राजनीति भी हुई। आज आप यहां एक बार फिर आए हैं, क्या कहेंगे? मैं गुना का व्यक्ति हूं। मैं होता या चाहे मेरी जगह कोई और कार्यकर्ता होता, अगर वो ऐसे पद पर पहुंचा था, सांसद बना था, ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। मेरा प्रयास था कि मेरे गुना में भी वो हर सुख, सुविधा होनी चाहिए जो महानगरों में होती है। मैंने अपना कर्तव्य निभाया। जो गुना के लिए बेहतर से बेहतर हो सकता था इस लोकसभा के लिए वो करने का प्रयास किया। आप देखेंगे कि मैंने अपने पूरे पांच साल में जब जब संसद का सत्र चला, हर सत्र में मैंने अपने क्षेत्र की बात रखी। अपने प्रदेश की बात रखी, अपने देश की बात रखी। जो मेरे से हो सका, वो मैंने किया। भाजपा के नेतृत्व में सरकार है, और हमारी पार्टी हर जगह वो सुख सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, जो बड़े बड़े महानगरों में होती है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से आपकी मुलाकात होती है? नेतृत्व जो हमारा है, उन सभी से चर्चा होती है। जैसे मैं आज भी दिल्ली जा रहा हूं। मुझे कुछ अपॉइंटमेंट्स मिले हैं। जब जब संसद चलती है, मैं दिल्ली जाता हूं, क्योंकि ज्यादातर नेतृत्व से मिलना हो जाता है। तो मैं अभी भी जाकर रेल मंत्री जी से मिलूंगा, क्योंकि कुछ ट्रेनों के स्टॉपेज की बात है। नितिन गडकरी जी से मुलाकात करना है, और भी लोगों से मिलना है। मैं बिल्कुल चाहूंगा कि जो जो चीजें मेरे क्षेत्र में रह गई हैं, जो हमने प्रयास किए थे, जो काम पेंडिंग में हैं, वो जल्दी पूरे हों और आगे भी कुछ सुविधाएं इस क्षेत्र को मिलती रहें।


