पीएम आवास में लापरवाही करने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई:5,103 पीएम आवासों की दो महीने में नींव तक नहीं पड़ी

अगले माह तक यदि शहरों के लिए मंजूर किए गए पीएम आवास का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो अफसरों पर कार्रवाई होगी। राज्य शासन ने सभी नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका और नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को दो टूक शब्दों में इसके लिए चेतावनी दी है। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव ने हर हाल में जुलाई माह में पीएम आवास बनाने का काम शुरू करने के लिए कहा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के अलग- अलग शहरों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 के तहत 5103 आवास स्वीकृत किए थे। दो महीने पहले मकान स्वीकृत हुए लेकिन अब तक इन आवासों की नींव तक नहीं खोदी गई है और न ही दूसरे कोई काम शुरू हुए हैं। बता दें कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की अध्यक्षता में 18 जून को केंद्रीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति की बैठक हुई थी। इसमें छत्तीसगढ़ को पीएम आवास योजना- शहरी 2.0 के तहत स्वीकृत 5103 आवासों को अविलंब शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। केंद्र के निर्देश के बाद अब राज्य सरकार ने भी सभी नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका और नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कहा है। सबसे ज्यादा आवास बिलासपुर- रायपुर को मिले
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 बीएलसी घटक में सबसे ज्यादा आवास बिलासपुर और रायपुर को मिले हैं। बिलासपुर को 508 और रायपुर को 503 आवास मिले हैं। जबकि भिलाई 462, बीरगांव 304, धमतरी 203, भिलाई चरौदा 187, मुंगेली 170 और अंबिकापुर के लिए 115 आवास स्वीकृत किए गए हैं। इसलिए मिला मं​थली टारगेट
बिलासपुर में योजना में कई तरह की गड़बड़ियां मिली। मकान बनाने के लिए मिले पैसे से कई हितग्राहियों ने बाइक खरीद लिए या शादी ब्याह में खर्च कर दिया। कुछ लोगों ने मकान बनाना शुरू किया लेकिन निर्धारित जमीन से अधिक क्षेत्र में बना लिया। इसके कारण मकान बजट से बाहर चला गया और अधूरा रह गया। इसी तरह जांजगीर चांपा जिले में भी मकानों के निर्माण में अनियमितता उजागर हुई।

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