थाना डिवीजन नंबर 5 की पुलिस पर आरोप है कि वह पुलिस कमिश्नर लुधियाना के तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देशों की खुलेआम अनदेखी कर रही है। ताजा मामला वाहन चोरी का है, जिसमें पीड़ित ने 15 दिन तक कार्रवाई न होने से तंग आकर खुद ही चोर को पकड़कर पुलिस को सौंपा, लेकिन पुलिस ने इसे अपने गुड वर्क में दर्शा दिया और दावा किया कि आरोपी को उन्होंने खुद पकड़ा है। मामला 20 मार्च का है, जब गांव हठूर, जगराओं निवासी अमरजीत सिंह, जो बस स्टैंड के पास प्राइवेट काम करते हैं, की बाइक PB10GH-0417 चोरी हो गई। दोपहर करीब उनके दफ्तर में एक युवक ठंडे पानी की मांग करते हुए आया। उसे पानी पिलाया। इसी दौरान पास की एक लाटरी दुकान पर झगड़ा हो गया, अमरजीत बाहर चले गए। जब लौटे, तो बाइक गायब थी। सीसीटीवी में कैद हो गई। युवक बाइक ले जाते दिख रहा था। उसी शाम अमरजीत सिंह ने चौकी कोचर मार्केट में शिकायत दी। एक हफ्ते तक थाना डिवीजन-5 और चौकी के चक्कर काटे पर एफआईआर दर्ज नहीं की। थक-हारकर अमरजीत ने सीसीटीवी फुटेज और आरोपी की फोटो अपने दोस्तों को भेज दी। 4 अप्रैल को उनके एक दोस्त ने स्कूटर मार्केट के पास उसी आरोपी को देखे जाने की जानकारी दी। अमरजीत अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और आरोपी को काबू कर पुलिस को सौंप दिया। इसके बावजूद पुलिस ने दावा किया कि आरोपी को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनकी टीम ने बस स्टैंड से पकड़ा है। जांच अधिकारी ओमप्रकाश ने एफआईआर दर्ज न होने में देरी को आरोपी की तलाश से जोड़ा। आरोपी की पहचान सीसीटीवी से हुई थी और उसे बस स्टैंड के पास से पकड़ा। आरोपी की पहचान जसप्रीत सिंह उर्फ जस्स निवासी गांव दुलो खुर्द, जोधा के रूप में हुई है।