उसने 4 साल में न जाने कितनी बार मेरा रेप किया। कभी भी बुला लेता। मना करती तो वीडियो वायरल करने की धमकी देता। पीरियड्स के दिनों में भी बेरहमी की। चीखती तो खून से सना कपड़ा मुंह में ठूंस देता। मेरे सीने पर ब्लेड से I LOVE YOU गोद दिया। ये दर्द जयपुर की उस मासूम नाबालिग का है, जिसके साथ 12 साल की उम्र में पहली बार रेप हुआ। छठी से दसवीं क्लास तक लगातार 4 साल दरिंदे की हैवानियत सही। आज 19 साल की है। रात को सो नहीं पाती। दिनभर कांपती रहती है। एक ही डर- वो दरिंदा कभी भी वापस आ जाएगा। कैसे हंसती खेलती मासूम इस प्रताड़ना का शिकार हुई। बच्ची के परिजन और उसकी काउंसलिंग करने वाले डॉक्टर ने उसके साथ हुई दरिंदगी की पूरी कहानी बताई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… आज भी हाथ-पांव कांपते हैं, चल नहीं पाती इसी खौफ में पीड़ित 4 साल तक किसी को वो अपना दर्द बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। एक डॉक्टर की बदौलत यह राज परिजन को पता चला। राजस्थान में पहली बार ‘रेप ट्रॉमा सिंड्रोम’ के आधार पर पुलिस ने आरोपी दरिंदे को गिरफ्तार किया। लेकिन उसके दिए जख्मों से पीड़ित आज भी गहरे सदमे में है। खौफ में बिस्तर गीला कर देती है। झोटवाड़ा थाना इलाके में स्थित पीड़ित के घर में दाखिल हुए। परिवार के लोग उसे उठाकर कुर्सी पर बैठाने की कोशिश कर रहे थे। मुश्किल से ही वो कुर्सी पर बैठ पाई थी कि सहारा हटाते ही बेसुध होकर गिर पड़ीं। हम कुछ पूछते उससे पहले ही पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्हें देख पूरे परिवार का गला भर आया। पहले लगा कोई बीमारी हो गई – पिता पिता ने रोते हुए पूरी दास्तां बताई। बोले- मेरी बेटी पिछले कई साल से इसी तरह व्यवहार कर रही है। हाथों में कंपन होता है, अचानक से चिल्लाने लगती है। रात भर सो नहीं पाती है। हमारी समझ से बाहर था कि हुआ क्या है? किसी ने बताया ‘ओपरी’ (भूत-प्रेत) का साया होगा। हमें झाड़-फूंक में विश्वास नहीं था, इसलिए किसी बाबा के पास नहीं गए। अलग-अलग 10 से ज्यादा एक्सपर्ट डॉक्टरों को दिखाया। इलाज करवाते रहे मगर बीमारी पकड़ में नहीं आई। 2 मई 2024 में तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर जब उसे कांवटिया अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर गए। वहां डॉक्टर वीरेंद्र सिंह थे। उन्होंने देखा तो शारीरिक तौर पर उन्होंने कोई कमजोरी नजर नहीं आई। इन्हीं डॉक्टर से जनवरी में भी इलाज चला था। उन्होंने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कर काउंसलिंग की। तब बेटी ने चार साल से अपने अंदर छुपे दर्द को पहली बार उनके सामने बयां किया। अस्पताल में भर्ती होने से एक दिन घर से उसने अपनी मां को फोन कर बताने की कोशिश की थी। मगर वो कह कुछ नहीं पाई। मां से सिर्फ इतना कहा- ..मुझे पैदा होने से पहले भगवान से मार क्यों नहीं दिया? अस्पताल में डॉक्टर को सच बताया तो खुला मामला डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि – 5 मई 2024 के दिन मैं कांवटिया अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहा था, तभी 4-5 लोग एक बच्ची को लेकर आए। वो बुरी तरह से डरी हुई हुई थी, पूरा शरीर कांप रहा था। एक बार तो मैं पीड़ित के हाव-भाव देखकर सन्न रह गया। फिजिकली कोई दिक्कत नहीं लग रही थी। लेकिन मानसिक हालत देखी नहीं जा रही थी। कुछ अनहोनी का अंदेशा तो था। इसलिए जरूरी ट्रीटमेंट देकर पीड़ित से बात की। करीब 3 दिन तक कई घंटे काउंसलिंग के बाद बच्ची ने पूरा सच बताया, जो हैरान करने वाला था। वो सच जो पीड़ित ने पहले डॉक्टर और उसके बाद पुलिस को बयानों में बताया…. मैं वर्ष 2016 में छठी कक्षा में पढ़ रही थी। आरोपी शक्ति सिंह राठौड़ गंदी नजर रखता था। उसने अपनी मुंहबोली बहन के जरिए मेरी मां के फोन में फेसबुक ऐप डाउनलोड करवाया। धीरे-धीरे उसने नजदीकी बढ़ाई। फेसबुक मैसेंजर ऐप पर चैट करने लगा। मुझे पढ़ाई के बहाने मोबाइल स्कूल साथ ले जाने को कहा। उस दिन उसने मुझसे कहा कि रोजाना कि तरह पापा के साथ मत जाना, मैं तुम्हें घर छोड़ दूंगा। पापा को कह देना कि सहेली के साथ आ जाऊंगी। दरिंदे के बहकावे में आकर मैंने पापा से झूठ बोला। स्कूल से घर ले जाने के बहाने शक्ति सिंह मुझे सिरसी रोड स्थित एक खंडहरनुमा मकान में ले गया। वहां जोर जबरदस्ती की। इस दरिंदगी के दौरान उसने बड़ी चालाकी से अश्लील वीडियो बना लिए। उन्हीं वीडियो के जरिए बाद में उसने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। वो रोज मुझे सुनसान जगह ले जाता, रेप करता। मना करने पर मारपीट करता। धमकी देता- किसी को बताया तो पूरे परिवार को जान से मार दूंगा….मैं जब, जहां बुलाऊं आना पड़ेगा। कभी पेट में दर्द होता तो तरह-तरह की दवाएं जबरदस्ती कर खिला देता था। शरीर के हर हिस्से में घाव, मेडिकल जांच में खुलासा आरोपी ने पीड़िता की छाती पर बांई ओर ब्लेड से ‘आई लव यू’ भी गोद डाला। पीरियड्स में भी दरिंदगी करता, उसके मुंह में खून से सना कपड़ा ठूंस देता। कई जगह मारपीट के घाव के निशान भी मेडिकल जांच में सामने आए हैं। 2016 से शुरू हुई ये यातनाएं पीड़िता 2020 तक सहन करती रही। लेकिन इन चार साल में मिले दर्द ने उसे गहरे सदमे में पहुंचा दिया। पीड़िता ‘रेप ट्रॉमा सिंड्रोम’ का शिकार हो गई। डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़िता ने जो आपबीती सुनाई इतना बड़ा सदमा इतने साल तक सहना करना बहुत मुश्किल है।इसी सदमे में वो घबराई रहती, शरीर में कंपकंपी होने लगती। जब मुझे इसकी जानकारी पुख्ता हो गई तो परिवार को पूरी बात बताई। उन्हें मनोचिकित्सक के पास जाने और कानूनी कार्रवाई की सलाह दी। झोटवाड़ा पुलिस ने डेढ़ महीने तक नहीं लिया एक्शन बच्ची को आरोपी की पूर्व में दी गई धमकियों से परिवार भी खौफ में था। जून में सच्चाई सामने आने के बाद परिवार ने झोटवाड़ा थाने में 13 नवंबर 2024 को जाकर हिम्मत जुटाई और आरोपी शक्ति सिंह के खिलाफ परिवाद दिया। लेकिन यहां चौंकाने वाली बात यह थी कि 16 नवंबर तक तो मामला ही दर्ज नहीं किया गया। पुलिस के सुस्त एक्शन पर भी सवाल? 17 नवंबर को मुकदमा दर्ज किया। मामले की जांच कर रहे झोटवाड़ा थाने के एसएचओ राजेंद्र सिंह ने आरोपी युवक को झोटवाड़ा थाने बुलाया लेकिन कोई कार्रवाई नही की। जांच की सुस्त रफ्तार और कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद फैमिली ने डीसीपी अमित बुडानिया से जांच बदलने की गुहार लगाई। धीमी जांच को देख फाइल को दिसंबर 2024 में डीसीपी वेस्ट अमित बुडानिया ने तलब किया। 1 जनवरी 2025 को फाइल झोटवाड़ा थाने से पुलिस उपायुक्त कार्यालय को ट्रांसफर हुई। पुलिस उपायुक्त पश्चिम में महिला अनुसंधान सेल की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुलेश चौधरी को जांच सौंपी। 2 जनवरी से जांच शुरू की गई। 4 जनवरी को पहली बार पीड़िता को बयानों के लिए बुलाया गया। पीड़ित किशोरी के साथ-साथ अन्य गवाह और इलाज करने वाले डॉक्टरों के बयान दर्ज किए गए। तब पीड़िता की मानसिक हालत देखकर खुद पुलिस भी चौंक गई। मामला पुराना और पेचीदा होने पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के नियम 4 के तहत मनोचिकित्सकों से ‘रेप ट्रॉमा सिंड्रोम’ जांच करवाई। मेंटल रिपोर्ट के लिए मेडिकल बोर्ड का भी गठन करवाया, ताकि सबूत मजबूत हो सके। पीड़िता से दरिंदगी के बाद गुरुग्राम शिफ्ट हुआ, शादी की आरोपी साल 2016 से लेकर साल 2019 तक झोटवाड़ा थाना इलाके में पीड़िता के आस-पास वाले मकानों में ही रहता था। शिकार बनाने के बाद साल 2020 में वो परिवार सहित गुरुग्राम में शिफ्ट हो गया था। वहां वो एक निजी अस्पताल में नौकरी करता रहा था। साल 2023 में आरोपी युवक ने शादी कर ली थी। मामले की जांच में पुष्टि होने के बाद मूल रूप से अजमेर के केकड़ी निवासी शक्ति सिंह राठौड़ को जांच के लिए 16 फरवरी को बुलाया गया। पुलिस के सामने पेश होने पर उसने खुद को बेदाग बताया। 17 फरवरी को गिरफ्तार करने के बाद 7 दिन की रिमांड पर लेकर सख्ती से पूछताछ की गई। आरोपी ने अपना सारा जुर्म कबूल कर लिया। 25 फ़रवरी को रिमांड के बाद युवक को कोर्ट में पुलिस ने पेश किया उसे जेल भेज दिया गया। ट्रॉमा सिंड्रोम टेस्ट से आरोपी पहुंचा सलाखों के पीछे डीसीपी वेस्ट अमित बुडानिया ने बताया कि पॉक्सो कानून आने के बाद राजस्थान में पहली बार ‘रेप ट्रॉमा सिंड्रोम’ जांच के आधार पर मामले में दरिंदे को गिरफ्तार किया गया है। युवती के शरीर पर ब्लेड से लिखे ‘आई लव यू’ की जांच भी मेडिकल बोर्ड से करवाई गई है। पीड़िता के शरीर पर मारपीट और चेस्ट के आसपास ब्लेड से दिए गए घावों की मेडिकल बोर्ड ने पुष्टि भी कर दी है। एफएसएल से भी जांच करवाई जा रही है ताकि मामले में किसी भी प्रकार की राहत दरिंदे को कोर्ट से न मिले। …. रेप ट्रॉमा सिंड्रोम से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… बच्ची से दुष्कर्म, फिर छाती पर ब्लेड से लिखा I-LOVE-YOU:वीडियो भी बनाए थे, राजस्थान में पहली बार- रेप ट्रॉमा सिंड्रोम की पुष्टि कर गिरफ्तारी सोचिए, 12 साल की छठी में पढ़ने वाली एक मासूम के साथ दुष्कर्म होता है। दुष्कर्म करने वाला आरोपी बच्ची से उम्र में आठ साल बड़ा था। साल 2016 की इस वारदात के दौरान आरोपी ने दुष्कर्म के वीडियो भी बनाए। पूरी खबर पढ़िए…