पुलिस ने प्राथमिकी में कहा-शूटरों ने डीएसपी की गाड़ी पर भी चलाई गोली

घायल रोहित के पास से एक लोडेड पिस्टल बरामद, उसका चल रहा इलाज अनिल टाइगर की हत्या में शामिल शूटर रोहित वर्मा व अमन सिंह के विरुद्ध पुलिस ने पिठौरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। दोनों अपराधी पुंदाग के रहने वाले हैं। दोनों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं, अनिल टाइगर की पत्नी लता देवी ने भी दो अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस 7 संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कांके थाना के जेएसआई रौशन कुमार सिंह के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि कांके चौक के पास अनिल टाइगर की हत्या के बाद दोनों बाइक से पिठौरिया वाले रोड में भाग रहे थे। उनके पीछे पुलिस की भी टीम थी। भागने के दौरान राढू पुल से बलवापानी गांव की ओर से सड़क पर पुलिस उनके करीब पहुंच गई। इस पर बाइक पर बैठे अपराधी ने पुलिस कर्मियों पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। उनकी एक गोली डीएसपी मुख्यालय एक की गाड़ी में आकर लगी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। डीएसपी के अंगरक्षक सुनील कुमार पांडेय ने रायफल से दो राउंड गोली चलाई। जिसमें दो गोली बाइक पर पीछे बैठे अपराधी के पैर में जा लगी और जख्मी होकर वह बाइक से गिर पड़ा। पकड़े गए अपराधी रोहित वर्मा की जब पुलिस ने तलाशी ली तो उसके पास से एक लोडेड पिस्टल बरामद हुई। फरार शूटर अमन सिंहपुंदाग में दो महीने पहले बना था टाइगर की हत्या का प्लान 10 एकड़ जमीन का चल रहा था विवाद, इस एंगल से भी जांच शुरू एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने दूसरे एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। पीड़ित परिजनों ने बताया है कि चामगुरू गांव में एक 10 एकड़ के एक प्लॉट को लेकर टाइगर का कुछ लोगों से विवाद हुआ था। उक्त जमीन पर ग्रामीण अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे, लेकिन दूसरे पक्ष ने उस जमीन को अपना बताकर कब्जा जमा रखा था। हालांकि टाइगर हमेशा उक्त जमीन को लेकर लोगों को समझाने का प्रयास करते थे। कुछ महीने पहले उसी जमीन को लेकर एक पक्ष से टाइगर की कहा-सुनी भी हुई थी। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। संतु से पूछताछ कर रही पुलिस संतु पासवान का नाम सामने आने के बाद रांची पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। हालांकि संतु ने इस घटना के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी होने से साफ इंकार किया है। संतु लोहरदगा स्टैंड में ठेकेदारी करता है। ऐसे में उसको जब अनिल टाइगर की फोटो दिखा कर पहचानने को कहा गया तो उसने पूर्व परिचय होने से साफ इंकार कर दिया। एसआईटी का गठन, मुख्य शूटर की तलाश में छापेमारी डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा ने ग्रामीण एसपी सुमीत कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। टीम ने कांके, रातू और पुंदाग के अलावा लोहरदगा में विभिन्न जगहों पर छापेमारी की। पुलिस ने 7 संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शूटर अमन सिंह की तलाश में पंुदाग के उसके घर में भी छापेमारी की गई। पुलिस टेक्निकल सेल की मदद से वैसे नंबरों का डिटेल निकाल रही है, जिससे टाइगर के मोबाइल पर अंतिम समय में बातचीत की गई है। गिरफ्तार रोहित वर्मा ने पुलिस को बताया है कि दो महीने से मुख्य शूटर अमन घटना को अंजाम देने का प्रयास कर रहा था। हत्या का प्लान पुंदाग के आईएसएम चौक स्थित गली नंबर 3 में बना था, जहां अमन सिंह एक किराए के घर में रहता था। प्लान बनाने के दौरान वह खुद भी वहां मौजूद था। रोहित ने पुलिस को यह भी बताया है कि अमन ने ही अनिल टाइगर को गोली मारी है। इसकी मुख्य वजह लोहरदगा निवासी संतु पासवान से टाइगर का कनेक्शन है। लोहरदगा में हुए संतु के भाई मंगलू की हत्या के बाद पुलिस ने सुभाष समेत अन्य लोगों को जेल भेजा था। जेल से छूटने के बाद सुभाष ने ही अमन के साथ मिलकर संतु की हत्या का प्लान बनाया था, जिसके बाद सभी 14 जनवरी को लोहरदगा पहुंचे थे। हालांकि वहां संतु बच गया, जबकि सुभाष मारा गया था। इसके बाद अमन को जानकारी मिली कि संतु का टाइगर से कनेक्शन है और वह हर संभव उसकी मदद करता है। प्रतिद्वंद्वी से इसी साठगांठ के शक में टाइगर की हत्या की गई।

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