पुलिस हिरासत में युवक की मौत, 32 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर:चोरी के आरोप में थाने लेकर गई थी; पिता बोले- बेटे को बेरहमी से पीटा, पैरों में सूजन थी

चोरी के आरोप में गिरफ्तार युवक की पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां रविवार देर रात उसने दम तोड़ दिया। मामला झुंझुनूं के खेतड़ी इलाके का है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। झुंझुनूं एसपी शरद चौधरी के अनुसार, चोरी के आरोप में अजीतगढ़ के सीपुर निवासी पप्पू राम मीणा (28) को रविवार शाम 5 बजे गिरफ्तार किया गया था। थाने में पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई। एसपी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, पुलिस ने युवक के साथ मारपीट और टॉर्चर की बात से इनकार किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए झुंझुनूं एसपी शरद चौधरी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसएचओ से लेकर कॉन्स्टेबल तक सभी को लाइन हाजिर कर दिया है। 32 पुलिसकर्मियों को खेतड़ी थाना से पुलिस लाइन झुंझुनूं भेज दिया गया है। मामले की जांच जारी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। 32 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया, आदेश की कॉपी… अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला… फरवरी में दर्ज हुआ था मामला
खेतड़ी थानाधिकारी ने गोपाल लाल ने बताया कि रवि कुमार ने 28 फरवरी को खेतड़ी थाने में मामला दर्ज हुआ था। इसमें उसने बताया था कि करमाड़ी ढाणी में उसका मकान है। जहां 200 कट्टे ग्वार के रखे हुए थे। 110 क्विंटल ग्वार की कीमत करीब 6 लाख रुपए थी। 28 फरवरी को जब वह मकान पर गया तो ताला टूटा हुआ मिला और ग्वार के कट्टे गायब थे। सीसीटीवी फुटेज से चोरों तक पहुंची थी पुलिस
इसके बाद आस-पास लगे सीसीटीवी खंगाले तो पता चला कि चोरी की घटना 24 फरवरी की रात करीब 2 बजे की है। इसमें कुछ लोग गाड़ियों में ग्वार के कट्टे भरकर ले जाते हुए दिखाई दे रहे थे। थानाधिकारी ने बताया कि इसी मामले में एक युवक को पकड़ा था, रिमांड के दौरान उसने पप्पूराम का नाम लिया था। ऐसे में रविवार को पप्पू राम को अरेस्ट किया था। पूछताछ के दौरान ​अचानक बिगड़ी तबीयत
पूछताछ के दौरान पप्पूराम को घबराहट होने लगी और थोड़ी देर बाद वह उल्टियां करने लगा। पुलिस उसे खेतड़ी के सरकारी अस्पताल में ले गई। जहां से बीडीके हॉस्पिटल रेफर कर दिया। रात 1 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई भाई बोला-6 अप्रैल को ही पुलिस ले गई थी
इस मामले में युवक के भाई कानाराम ने बताया कि पप्पू 6 अप्रैल को अपनी बहन के ससुराल नयाबास गया था। इसी दौरान चार गाड़ियों में सवार पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और पप्पू को गाड़ी में बैठाकर खेतड़ी थाने ले गए थे। जब हमें इस बात की सूचना मिली कि पुलिस ने पप्पू को हिरासत में लिया है तो 8 अप्रैल को खेतड़ी थाने पहुंचे, लेकिन पप्पू से मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद 10 अप्रैल को वकील के साथ थाने पहुंचे, जहां पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना और तस्दीक करवाने की बात कहकर वापस भेज दिया। पिता बोले- पुलिस चौकी में बंद रखा था
पिता हनुमान प्रसाद ने आरोप लगाया कि पप्पू को हिरासत में लिए जाने वाली रात को बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसके पैरों में सूजन आ गई थी और वह चलने-फिरने की हालत में नहीं था। इसके बाद पुलिस ने उसे खेतड़ी थाने की बजाय निजामपुर मोड़ चौकी में एक कमरे में बंद कर दिया था और कोर्ट में भी पेश नहीं किया। पिता का आरोप- छोड़ने की एवज में 2 लाख मांगे
पिता हनुमान प्रसाद ने आरोप लगाया कि पप्पू को छोड़ने के बदले पुलिसकर्मियों ने दो लाख रुपए की मांग की थी। पप्पू के खिलाफ दो साल पहले अमरसर थाने में चोरी की एक भैंस खरीदने का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पुलिस अब उसे बेवजह इस मामले में घसीट रही थी। 3 भाइयों में दूसरे नंबर का था
पप्पू तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। बड़ा भाई हीरालाल ट्रैक्टर चलाता है, जबकि छोटा भाई प्रमोद पढ़ाई करता है। पप्पू के डेढ़ साल का एक बेटा है। पप्पू पिकअप चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। पुलिस ने उसकी पिकअप भी जब्त कर रखी है। आदिवासी मीणा संस्थान के अध्यक्ष सुरेश मीणा के आह्वान पर दोपहर में लोग खेतड़ी थाने पहुंचे और धरना देकर बैठ गए। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी धरने पर बैठे। महिलाएं थाने में बैठकर रोने लगीं। परिजन पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने, एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।

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