पंजाब में कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की ट्रांसपोर्ट टेंडर स्कैम मामले में मुश्किलें बढ़ गई है। पंजाब सरकार इस केस को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पंजाब सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने आशु को नोटिस जारी कर दिया है। यहां बता दें इस केस में हाईकोर्ट ने केस बंद करने का आदेश सरकार को दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। उधर, इस मामले में भारत भूषण आशु से जब दैनिक भास्कर ने बातचीत की तो उन्होंने कहा-यदि सुप्रीम कोर्ट से कोई नोटिस आया होगा तो वह अपने वकील से जरूरत पूछेगे। नोटिस का जवाब देकर केस को फिर से खारिज करवा लिया जाएगा। सच्चाई की हमेशा जीत होती है। 8 महीने पहले हाईकोर्ट ने केस बंद करने के दिए थे आदेश
पंजाब में हुए टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस के नेता भारत भूषण आशु को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत करीब 8 महीने पहले मिल गई थी। अदालत ने उन्हें इस केस में जमानत दे दी है। वहीं, पंजाब विजिलेंस ने उन पर दर्ज एफआईआर को भी रद्द कर दिया है। चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप
वर्ष 2022 में कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु पर अनाज परिवहन टेंडर घोटाले में कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत विजिलेंस को की गई थी। धन शोधन में शामिल व्यक्तियों की संपत्तियों को कुर्क किया गया, संपत्तियों में लुधियाना, मोहाली, खन्ना और पंजाब के अन्य भागों में स्थित अचल संपत्तियां, एफडीआर, सोने के आभूषण, और बैंक खातों के रूप में चल संपत्तियां शामिल हैं। इससे पहले विजिलेंस ने दर्ज किया था केस इस मामले में पंजाब विजिलेंस ने सबसे पहले ठेकेदार तेलू राम और दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। बाद में इस केस में आशु का नाम भी शामिल किया गया। 22 अगस्त 2022 को विजिलेंस ने लुधियाना में छापा मारकर उसे सैलून में बाल कटवाते हुए गिरफ्तार कर लिया था। इस केस में आशु करीब 6 महीने पटियाला जेल में भी बंद रह थे। आरोप है कि अनाज ढुलाई टेंडर घोटाले में आरोपी अनाज मंडियों में वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर माल की ढुलाई करता था। इतना ही नहीं टेंडर लेने से पहले विभाग में वाहनों के गलत नंबर लिखवाए जाते थे। जांच में पता चला कि जो नंबर लिखे गए थे, वे भी स्कूटर, बाइक जैसे दोपहिया वाहनों के थे। ये वाहन अनाज ढुलाई के लिए वैध नहीं थे। इसके बाद ईडी ने इस मामले में केस दर्ज किया था।