पूर्व मंत्री और 2 IPS पर सवाल उठाने वाला एनकाउंटर:पैर पर निशाना तो गोली छाती में कैसे लगी, सीसीटीवी फुटेज गायब, 9 मिनट दूर अस्पताल, 25 मिनट लगे

राजस्थान के बाड़मेर जिले में 22 अप्रैल 2021 की रात को हुए कमलेश एनकाउंटर मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दो आईपीएस सहित 24 पुलिस कर्मियों पर मुकदमे के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट में सीबीआई ने तर्क दिया था- जांच में मिले साक्ष्य से यह साबित करना मुश्किल है कि कमलेश प्रजापत फर्जी एनकाउंटर में मारा गया। इस क्लोजर रिपोर्ट को कमलेश प्रजापत की पत्नी जशोदा ने कोर्ट में चैलेंज किया। जशोदा के वकील अर्जुनसिंह राठौड़ के पेश तथ्यों में एनकाउंटर को फर्जी बताया गया। जिस केस में पुलिस उसे पकड़ने गई, उसमें भी कमलेश का नाम फर्जी तरीके से शामिल करने का आरोप लगाया। वहीं, पूर्व मंत्री हरीश चौधरी पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया गया। पढ़िए कोर्ट ने क्यों खारिज की क्लोजर रिपोर्ट, 24 पुलिसकर्मियों की क्या भूमिका रही इस केस में….. पहले समझिए क्या था कमलेश एनकाउंटर 23 अप्रैल 2021 को बाड़मेर एससी/एसटी सैल के तत्कालीन सीओ पुष्पेंद्र आढ़ा ने सदर थाने में एनकाउंटर को लेकर रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में बताया कि पाली के सांडेराव थानाधिकारी पर जानलेवा हमले के आरोपी कमलेश प्रजापत की लोकेशन उसके घर विष्णु कॉलोनी में आ रही थी। पुष्पेंद्र आढ़ा ने अन्य थानाधिकारी व जवानों के साथ कमलेश के घर को घेर लिया। कमलेश को बाहर आने को कहा। 10-15 मिनट बाद कमलेश के मकान के बाड़े से एक गाड़ी स्टार्ट करने की आवाज आई। कमलेश ने गाड़ी से दरवाजे को टक्कर मारी और फरार होने की कोशिश की। हेड कांस्टेबल मेहाराम गाड़ी की टक्कर से घायल हो गए। पुलिस ने कमलेश को सरेंडर करने के लिए कहा। कमलेश ने जाप्ते पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। गाड़ी के आगे खड़े कमांडो दिनेश ने आत्मरक्षा में एके-47 राइफल से एक फायर गाड़ी के टायर पर किया। तीन फायर कमलेश के पैर पर किए। कमलेश के कमर में पास गोली लगने से वह घायल हो गया था। उसे बाड़मेर सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पहले सीआईडी सीबी, फिर सीबीआई को दिया केस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कमलेश के परिजनों और समर्थकों ने विरोध जताया। लोगों का आक्रोश देख पहले मामले की जांच सीआईडी सीबी को दी। जांच पूरी होने से पहले 31 मार्च 2021 को सीबीआई ने मामला अपने हाथ में ले लिया। दो महीने बाद सीबीआई ने 5 जुलाई 2021 को सदर थाने में फिर से एफआईआर दर्ज की। इसके बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की। सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ कमलेश की पत्नी जशोदा ने 28 अप्रैल 2023 को लिखित नाराजगी जताई। पढ़िए वो साक्ष्य जो क्लोजर रिपोर्ट खारिज करने का आधार बने… 1. गाड़ी के आगे लोहे का बंपर होने पर तस्कर माना 2. एक भी मामला NDPS का दर्ज नहीं 3. व्यापार व फाइनेंशियल डिटेल की जांच नहीं की 4. घर में लगे सीसीटीवी का 70 मिनट का फुटेज डिलीट 5. हैड कॉन्स्टेबल के थाने से रवाना होने के टाइम की गफलत 6. पाली में दर्ज मामला, एनकाउंटर के बाद केस डायरी बनाई गई मृतक कमलेश व हड़मत सारण को 26 फरवरी 2021 को पाली के सांडेराव पुलिस थाने में दर्ज मामले में शामिल होने की वजह से अपराधी माना गया। तत्कालीन सुमेरपुर सीओ ने एफआईआर 30/2021 की जांच के दौरान काटी गई केस डायरी में कमलेश का नाम होना बताया गया। हार्ड डिस्क में केस डायरी की प्रॉपर्टी की जांच करने पर उसे 28 अप्रैल 2021 को बनाने का खुलासा हुआ है। यानी केस डायरी एनकाउंटर के 6 दिन बाद 28 अप्रैल को बनाई गई। 7.एनडीपीएस मामले में कमलेश की भूमिका की नहीं हुई जांच 8. हॉस्पिटल पहुंचाने में लेट 9. तहसीलदार व पटवारी के आने से पहले घर से सामान कर लिया था जमा 10. क्लोज रेंज से कमलेश पर किया गया फायर 11. क्लोजर रिपोर्ट में नहीं दी सीडीआर …. कमलेश प्रजापत एनकाउंटर से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… 2 IPS समेत 24 पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा मर्डर केस:तस्कर एनकाउंटर मामले में कोर्ट का आदेश, विधायक हरीश चौधरी की भूमिका की भी होगी जांच बाड़मेर का बहुचर्चित कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामला एक फिर सुर्खियों में है। एसीजेएम (सीबीआई) कोर्ट ने प्रसंज्ञान लेते हुए 2 आईपीएस समेत 24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मर्डर का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। पूरी खबर पढ़िए…

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