प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धरमसोत के बेटे हरप्रीत सिंह को 2024 के मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) केस में भगोड़ा (प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर) घोषित कर दिया है। अदालत ने हरप्रीत सिंह की संपत्तियों का ब्योरा भी मांगा है, ताकि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई शुरू की जा सके। अदालत के आदेश के अनुसार- आरोपी हरप्रीत सिंह पुत्र साधु सिंह धरमसोत के खिलाफ 28 मार्च 2025 को उद्घोषणा की गई थी। वह अब तक अदालत में पेश नहीं हुआ। 30 दिन की वैधानिक अवधि समाप्त हो चुकी है, इसलिए आरोपी को घोषित अपराधी किया जाता है। संबंधित पुलिस थाने को आवश्यक सूचना भेजी जाए। घर और सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा किए गए नोटिस अदालत के आदेश की कॉपी हरप्रीत सिंह के घर वार्ड नंबर-6, अन्नीह रोड, अमलोह, फतेहगढ़ साहिब पर चस्पा की गई। एक कॉपी सार्वजनिक स्थल पर और तीसरी कॉपी मोहाली कोर्ट के नोटिस बोर्ड पर लगाई गई। पूर्व मंत्री साधु सिंह धरमसोत को ED ने 2024 में PMLA केस में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने वन विभाग में भ्रष्टाचार और अवैध कमाई के जरिए करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। फिलहाल धर्मसोत इस मामले में जमानत पर बाहर हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त के लिए तय की है। बता दें कि धर्मसोत को जालंधर ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। कैप्टन अमरिंदर कैबिनेट में मंत्री थे धर्मसोत हालांकि साल 2017 में जब कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में सरकार बनी थी। उस समय साधु सिंह धर्मसोत को वन मंत्री बनाया गया था। वहीं, सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट भी इनके पास था। इसके बाद जैसे ही AAP सरकार आई तो विजिलेंस ब्यूरो ने इनके खिलाफ जांच शुरू की। साथ ही जांच में वन विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया। इसके बाद सात जून 2022 को विजिलेंस ब्यूरो ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था। जबकि इसी एफआईआर को आधार बनाकर ईडी ने जांच की थी। ईडी की तरफ से इन्हें 16 जनवरी 2024 में गिरफ्तार किया था।