राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एल ख्यांगते को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का अध्यक्ष बनाया गया है। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को सरकार के नियुक्ति प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी एल ख्यांगते 31अक्टूबर 2024 को मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए थे। अब वे अक्टूबर 2026 तक जेपीएससी चेयरमैन रहेंगे। पिछले छह माह यानी 22 अगस्त 2024 से आयोग के अध्यक्ष का पद खाली था। राज्यपाल गंगवार ने कहा कि अध्यक्ष की नियुक्ति से राज्य में भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी। आयोग की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षाएं, इंटरव्यू और प्रमोशन अब कैलेंडर के अनुसार होंगे। राज्य में कई अहम पदों पर रह चुके हैं ख्यांगते के समक्ष कई चुनौतियां होंगी। क्योंकि, पिछले छह माह से आयोग में सभी तरह की एक्टिविटी ठप हैं। इधर, आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी। 11वीं से 13वीं सिविल सेवा परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने भी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर जेपीएससी कार्यालय के समक्ष आंदोलन चलाया था। आयोग का पिंडदान और ब्रह्मभोज किया था। इसके अलावा छात्र नेता देवेंद्र महतो के नेतृत्व में डिजिटल आंदोलन चलाया गया था। छात्र आजसू के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने सीएम और गवर्नर को ज्ञापन के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया था। जानिए… क्या हो रहा था छात्रों को नुकसान 11वीं से 13वीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए 342 पदों पर जून 2024 में नियुक्ति परीक्षा ली गई थी। उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी हो गई है। लेकिन, रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के 64 पदों पर प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी, लेकिन परीक्षा का रिजल्ट भी जारी नहीं किया जा सका है। साल 2023 में फूड सेफ्टी ऑफिसर के 56 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। दो साल बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी हैैं। फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पदों की बहाली के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। लेकिन परीक्षा आयोजित नहीं हुई है। विश्वविद्यालय अधिकारी के 24, मेडिकल ऑफिसर के 256, होम्योपैथी डॉक्टर के 167, आयुर्वेदिक डॉक्टर के 207, मेडिकल कॉलेज शिक्षक के 44 से संबंधित परीक्षा या इंटरव्यू आयोजित किए जाने हैं। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के सैकड़ों शिक्षकों का प्रमोशन प्रस्ताव आयोग कार्यालय में लंबित है।