पेराई बंद: गन्ना बेचने वाले 19 हजार किसानों को

भास्कर न्यूज | कवर्धा कबीरधाम जिले के दोनों सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया व राम्हेपुर बंद हो गया है। क्योंकि, यहां पेराई सीजन खत्म हो गया है। किसान संघ का दावा है कि कारखाना बंद होने के बाद भी इन दोनों कारखाना में गन्ना बेचने के बाद भी 19 हजार किसानों का 70 करोड़ रुपए मूल भुगतान पेंडिंग है। इन गन्ना किसानों को रुपए नहीं मिलने के कारण आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसानों की समस्या को देखते हुए गुरुवार को समृद्ध छत्तीसगढ़ किसान संघ ने 8 सूत्रीय मांग को लेकर सीएम के नाम कलेक्टर गोपाल वर्मा को ज्ञापन सौंपा है। समृद्ध छत्तीसगढ़ किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघ्न वर्मा, जिला अध्यक्ष सोनी वर्मा ने बताया कि दोनों सहकारी शक्कर कारखाना में पेराई सीजन बंद हो गया है। इसके बाद भी किसानों का मूल भुगतान पेंडिंग है। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान समरू साहू, रंजीत साहू, सुभाष चंद्राकर, टेकसिंह खांडे समेत अन्य किसान उपस्थित थे। किसानों का कहना है कि शादी सीजन के दौर में पैसे का भुगतान नहीं मिलने से आर्थिक तंगी बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा राशि पंडरिया शक्कर कारखाना की है सबसे ज्यादा राशि पंडरिया शक्कर कारखाना का है, जहां करीब 40 करोड़ रुपए मूल भुगतान व 14.85 करोड़ रुपए रिकवरी का पेंडिंग है। इसी तरह ग्राम राम्हेपुर स्थित भोरमदेव शक्कर कारखाना का करीब 30 करोड़ मूल भुगतान व 27 करोड़ रुपए रिकवरी का पेंडिंग है। उन्होंने बताया कि किसानों को राशि दिए जाने को लेकर कई बार मांग की गई है। ज्ञापन भी सौंपा गया, कारखाना प्रबंधन व जिला प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया है। कलेक्टर ने किसानों की मांग को लेकर जल्द पूरी किए जाने का आश्वासन दिया है। कलेक्टर के पास शादी का कार्ड लेकर पहुंचे थे किसान संघ के प्रदेश महामंत्री जयचंद वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष सुन्नी राम चंद्रवंशी, जिला महामंत्री राजाराम वर्मा ने बताया कि वर्तमान में त्योहारी व शादी का सीजन शुरू हो गया है। इस बीच किसानों को रुपए की सबसे ज्यादा जरूरत है। कई किसानों के घर में शादी व अन्य कार्यक्रम भी है। कई किसान गुरुवार को कलेक्टर के पास शादी कार्ड लेकर पहुंचे हुए थे। कलेक्टर को शादी का कार्ड भी दिखाया है। ताकि, जल्द से जल्द राशि जारी किया जा सके। इसके अलावा आने वाले धान फसल की तैयारी को लेकर किसानों को रुपए की अभी से जरूरत है। किसानों ने कुल 8 मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। इसमें एक मांग धान का समर्थन मूल्य भी है। किसान कुंवारू साहू, अजय चंद्रवंशी, उमेश वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए धान की समर्थन मूल्य 117 रुपए प्रति क्विंटल के दर से किसानों के खाता में जारी किया जाए। गन्ना खेती में अधिक खर्च आ रहा, जैसे लेबर कॉस्ट, ट्रांसपोर्टिंग, खाद-बीज, पानी आदि को ध्यान में रखते हुए गन्ना किसान को 100 रुपए प्रोत्साहन राशि दिया जाए। सत्र 2022-23 के धान खरीदी भुगतान की चौथे किश्त की बकाया राशि किसानों के खाता में डाला जाए। जिले में गन्ना फसल को ध्यान में रखते हुए कृषि कार्य के लिए 24 घंटा बिजली दिया जाए। क्योंकि, अब गर्मी की शुरुआत हो गई है। भीषण गर्मी के कारण गन्ना सूख जाता है। इसे बचाने के लिए बोरवेल के माध्यम से सिंचाई की जाती है। बताया गया कि इस कारण 24 घंटे बिजली जरूरी है।

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