प्रज्ञानानंद ने FIDE सर्किट 2025 जीता:कैंडिडेट्स  2026 में जगह पक्का,भारत से अकेले पुरुष खिलाड़ी; दिव्या, हम्पी और वैशाली भी क्वॉलिफाई कर चुकी हैं

भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंद ने FIDE सर्किट 2025 जीतकर कैंडिडेट्स 2026 में अपनी जगह पक्की कर ली है। वे अगले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भारत के अकेले पुरुष खिलाड़ी होंगे। साल भर कई बड़े टूर्नामेंटों में उनके शानदार खेल ने उन्हें यह मौका दिलाया। चेन्नई के 19 साल के इस ग्रैंडमास्टर ने 2025 में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने वाइक आन जे मास्टर्स, सुपरबेट चेस क्लासिक रोमानिया, उजचेस कप मास्टर्स और लंदन चेस क्लासिक ओपन जैसे बड़े टूर्नामेंट जीते। इसके अलावा स्टेपन अवाग्यान मेमोरियल में दूसरा स्थान मिला और सिंकफील्ड कप में टॉप-15 में रहे। हाल ही में हुए FIDE वर्ल्ड कप में वे चौथे दौर तक पहुंचे थे। कैंडिडेट्स 2026 के लिए 7 खिलाड़ी फाइनल
कैंडिडेट्स 2026 के आठ खिलाड़ियों में से अभी तक सात की पुष्टि हो चुकी है। अनिश गिरी, फेबियानो कारुआना, मैथियास ब्लूबाउम, जवोखिर सिंदारोव, वेई यी, आंद्रेई एसीपेंको और प्रज्ञानानंद शामिल है। जबकि अंतिम आठवां स्लॉट उस खिलाड़ी को मिलेगा, जिसकी अगस्त 2025 से जनवरी 2026 तक की 6 महीने की औसत स्टैंडर्ड रेटिंग सबसे अधिक हो। इसके लिए खिलाड़ी को 1 फरवरी 2025 से 1 जनवरी 2026 के बीच कम से कम 40 स्टैंडर्ड गेम खेलने अनिवार्य हैं, जिनमें 6 महीने में कम से कम 15 गेम शामिल हों। टूर्नामेंट कब और कहां होगा
कैंडिडेट्स 2026 28 मार्च से 16 अप्रैल 2026 के बीच पेजिया, साइप्रस के कैप सेंट जॉर्जिस होटल एंड रिसॉर्ट में खेला जाएगा। डी गुकेश ने सबसे कम उम्र में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीता है
डी गुकेश ने साल 2024 में 17 साल की उम्र में टोरंटो में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीत कर सबसे कम उम्र में यह टूर्नामेंट जीतने वाले खिलाड़ी बने थे। उनसे पहले 1984 में रूसी खिलाड़ी गैरी कास्परोव ने सबसे कम उम्र 22 साल में यह टूर्नामेंट जीता था। भारत से दो खिलाड़ियों ने यह टूर्नामेंट जीता है
भारत से दो चेस खिलाड़ियों ने अब तक यह टूर्नामेंट जीता है। गुकेश ने साल 2024 में जीता था। जबकि उनसे पहले पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने 1995 में पहली बार कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीता था। तब उनकी उम्र 26 साल थी। विमेंस तीन भारतीय महिलाओं ने टूर्नामेंट में अपना स्थान पक्का किया है
विमेंस में तीन भारतीय खिलाड़ी दिव्या देशमुख, कोनेरू हम्पी और आर. वैशाली पहले ही महिला कैंडिडेट्स 2026 के लिए क्वालिफाई कर चुकी हैं। क्या है कैंडिडेट्स टूर्नामेंट
कैंडिडेट्स टूर्नामेंट, फिडे वर्ल्ड चैंपियन बनने की प्रक्रिया का आखिरी और सबसे अहम मुकाबला होता है। यह वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच से ठीक पहले खेला जाता है। महत्व के लिहाज से यह वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद दूसरा सबसे बड़ा टूर्नामेंट है, क्योंकि इसका विजेता मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन को चुनौती देता है। फिडे 1948 से वर्ल्ड चैंपियनशिप और 1950 से कैंडिडेट्स टूर्नामेंट करवाता आ रहा है। 2013 से यह टूर्नामेंट हर दो साल में होता है। _____________ स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें… भारत में 10 साल से टी-20 सीरीज नहीं जीता अफ्रीका:शुभमन और हार्दिक वापसी के लिए तैयार; IND vs SA पहला मैच कटक में भारत में साउथ अफ्रीका ने पिछली टी-20 सीरीज 2015 में जीती थी। उसके बाद से प्रोटियाज (साउथ अफ्रीका) यहां तीन बार टी-20 सीरीज खेलने आए, लेकिन एक बार भी जीत हासिल नहीं कर पाए। ओवरऑल सीरीज रिकॉर्ड भी भारत के पक्ष में है। दोनों टीमों के बीच अब तक 10 टी-20 सीरीज हुईं, जिनमें भारत ने 5 और साउथ अफ्रीका ने 2 जीतीं, जबकि 3 सीरीज ड्रॉ रहीं। पूरी खबर

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