प्रदेश के निगमों और परिषदों में प्लानिंग-ऑडिट में होगा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल

राज्य में नगर निगमों, नगर पालिका और नगर परिषदों में विकास योजनाओं की मॉनीटरिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा। यह नई तकनीक स्थापित करने का जिम्मा पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन को सौंपा गया है। विभाग ने रविवार को बिडिंग प्रोसेस आरंभ कर दिया। सॉफ्टवेयर कंपनियों की ​िसलेक्शन का प्रोसेस शुरू है। कंपनियां 13 से 16 अगस्त तक प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए प्रोपोजल देंगी। सितंबर में ​प्रोजेक्ट अलॉटमेंट होगा। एआई से प्लानिंग, ग्रांट मैनेजमेंट, अॉॅडिट, मॉनीटरिंग का रास्ता खुल गया है। निगम के आईटी सेक्शन के जानकार बताते हैं कि कामकाज में तेजी और सरलता लाने के लिए 2023 में पहली बार मंथन हुआ है। एम सेवा ऑनलाइन एप में एआई का प्रयोग सफल रहा है। बाद में व्यापक प्रयोग की योजना फाइनल होगी। भविष्य में नागरिक सेवाओं में एआई का प्रयोग बढ़ेगा। एआई का प्रयोग… पीएमआईडीसी को सौंपा एआई स्थापित करने का जिम्मा >पंजाब के 10 नगर निगमों, नगर पॉलिसी व परिषदों के कामकाज का ऑडिट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से होगा। >सरकार जो ग्रांट जारी कर रही है। इसका प्रयोग किस मद में किसने किया, क्या नतीजे रहे, इसकी अपडेट्स रियल टाइम मिल सकेगी। >विकास योजनाओं में अलग-अलग बिंदू के एंगिल से निगरानी हो सकेगी। थर्ड पार्टी ऑडिट और तकनीकी ऑडिट में लगने वाले लंबे समय की बचत संभव है। योजना की टाइमलाइन >2023 : सबसे पहले अमृतसर नगर निगम से एआई के प्रयोग का पायलट प्रोजेक्ट बना। अपग्रेडेशन के लिए काम लंबित है। >2024: बेंगलुरु में एआई का कैसे-कैसे लाभ लिया जा सकता है, जानकारी जुटाई गई। >2025: मई महीने में ई-गवर्नमेंट फाउंडेशन से संपर्क साधा। >अब : एआई के जरिए निगरानी करने वाली कंपनियों को हायर किया जाएगा। योजना मंजूर। योजना में आगे क्या… सितंबर में प्रोजेक्ट अलाटमेंट हो सकती है। अब 13 अगस्त तक सर्विस देने वाली कंपनियां दिलचस्पी दिखाएंगे। बाद में काम ​िसलेक्शन होगी। फिर प्रोजेक्ट अलॉट होगा। भविष्य में विकास प्राधिकरणों, पंचायत, लोक निर्माण में इस्तेमाल की शुरुआत हो सकेगी।

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