राजस्थान के तकनीकी परिदृश्य को बदल रही रोबोट इंडस्ट्री, रक्षा में भी महत्वपूर्ण राजस्थान में रोबोटिक्स इंडस्ट्री एक नई क्रांति की ओर बढ़ रही है। यह राज्य के तकनीकी परिदृश्य को बदल रही है। विनिर्माण से रक्षा तक रोबोट्स राज्य की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जयपुर के भुवनेश मिश्रा ने यह साबित कर दिया है कि यहां की मिट्टी में न सिर्फ शौर्य है, बल्कि भविष्य की तकनीकी क्षमता भी है। ‘जैना’ और ‘क्रुष्णा’ जैसे उन्नत रोबोट्स ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आतंकवादियों के खिलाफ जीरो कैजुअल्टी ऑपरेशन्स में सफलता हासिल की। राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्र, कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं में रोबोटिक्स का विस्तार, इसे राज्य की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा का अहम हिस्सा बना रहा है। धीरे-धीरे राजस्थान अपनी तकनीकी क्षमता को विश्व स्तर पर साबित करने की दिशा में अग्रसर है। आने वाले समय में यह क्षेत्र और भी ज्यादा संभावनाओं से भरा हुआ है। रोबोटिक्स भारतीय सेना ने जयपुर के भुवनेश मिश्रा और नीलिमा मिश्रा 2016 के रोबोट जैना और क्रुष्णा का इस्तेमाल अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में किया था। इसमें जीरो कैजुअल्टी से तीन आतंकियों को ढेर किया था। मिश्रा ने सेना को अब तक 50 से अधिक एआई से निर्मित रोबोट दे चुके हैं। भारत में रोबोटिक्स इंडस्ट्री का बाजार 2023 में लगभग 30,000 करोड़ रुपए का था। यह 2030 तक 70,000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।{राजस्थान में इसका बाजार करीब 100 करोड़ तक है।{भारत 2023 में वार्षिक रोबोट इंस्टॉलेशन में दुनिया में 7वें स्थान पर रहा, जिसमें 8,510 यूनिट्स स्थापित हुईं।देश में ऑटोमोटिव, रबर-प्लास्टिक और मेटल इंडस्ट्री में रोबोट का उपयोग हो रहा है। चीन जैसे देशों की तुलना में यह अभी शुरुआती चरण है, 2030 तक व्यापक स्तर होगा। देश और राजस्थान में रोबोटिक्स इंडस्ट्री का आर्थिक पक्ष