प्रमोशन कराने ‘नारियल’ कलेक्शन…तहसीलदारों की चैट वायरल:’50-50 ग्रुप’ में कोडवर्ड में डील, मंत्री-सचिव को चढ़ाएंगे ‘प्रसाद’, कैबिनेट मीटिंग से पहले डिलीवरी की प्लानिंग

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ (CGJASA) के बैनर तले प्रमोशन समेत 17 मांगों को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर हैं। इसी बीच तहसीलदारों की वॉट्सऐप चैट वायरल हुई है, जिसमें वह प्रमोशन के लिए ‘नारियल’ का कलेक्शन कर रहे हैं। दैनिक भास्कर को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की वायरल चैट हाथ लगी है। वॉट्सऐप के ’50-50 ग्रुप’ में तहसीलदार कोड वर्ड में चैट कर रहे हैं। चैटिंग में 50-50 ग्रुप के मेंबर ‘नारियल’ और ‘किलो’ कोडवर्ड का इस्तेमाल कर कुछ कलेक्शन कर रहे हैं। नारियल को मंत्री-सचिव तक प्रसाद के तौर पर चढ़ाने की बात कर रहे हैं। 50-50 ग्रुप की चैटिंग में कैबिनेट मीटिंग से पहले नारियल पहुंचाने की बात कही जा रही है, ताकि 50-50 ग्रुप के सभी मेंबर को प्रमोशन मिल सके। बातचीत में यह भी जिक्र है कि अगर वह ‘नारियल’ और ‘किलो’ समय पर डिलीवरी नहीं करेंगे, तो 2 साल जूनियर बनकर रह जाएंगे। पढ़िए इस रिपोर्ट में प्रमोशन और प्रसाद चढ़ावे की क्या है पूरी कहानी ? अब जानिए क्या है ‘प्रमोशन फंडिंग स्कीम’ की कहानी ? दरअसल, छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायाब तहसीलदारों के दफ्तर में संसाधनों की कमी, पदोन्नति, ऑफिस की मरम्मत, गाड़ी की सुविधा जैसे 17 मांगे हैं। इनमें कई तहसीलदार और नायब तहसीलदार ऐसे हैं, जिनको प्रमोशन नहीं मिला है। ऐसे में ये आंदोलन ’50-50 ग्रुप’ के लिए गोल्डन चांस है, जिसे वह गंवाना नहीं चाहते। प्रमोशन के बाद नायब तहसीलदार, तहसीलदार के रूप में प्रमोट हो सकते हैं। वहीं तहसीलदारों को उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) के पद पर भी पदोन्नत किया जा सकता है। इसके साथ ही कुछ तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर के रूप में भी पदोन्नत किया जा सकता है। दैनिक भास्कर के हाथ लगे वॉट्सऐप चैट के मुताबिक अगर तहसीलदारों का प्रमोशन नहीं होगा, तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा। इसलिए ‘प्रमोशन फंडिंग स्कीम’ बनाकर हर मेंबर से एक ‘नारियल’ कलेक्शन किया जा रहा है। इसमें ‘किलो’ भी कोडवर्ड में उपयोग किया गया है। अब जानिए दैनिक भास्कर के पास मौजूद चैट में क्या-क्या है ? 50-50 ग्रुप की पहली चैट- एक तहसीलदार कह रहे हैं कि आज GAD में फाइल के संबंध में जानकारी ली गई है। फाइल पहुंच चुकी है। सचिव ने अन्य राज्यों में इस संबंध में स्थिति की जानकारी मांगी है। MP के अतिरिक्त अन्य किसी राज्य में पदोन्नति नियम हों तो शेयर करेंगे, जिससे रूल्स के साथ तत्काल सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और सचिवालय से बात कर सकेंगे। दूसरी चैट- इसके बाद दूसरे तहसीलदार कहते हैं कि ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि सामान्य प्रशासन विभाग से 1 साल छूट वाली फाइल ओके हो गई है। उन लोग अभी सभी लोग अपना CR क्लियर करा रहे हैं। अगले कैबिनेट में छूट का प्रस्ताव पारित हो जाएगा। ये सही खबर है। तीसरी चैट- 1 साल छूट वाली फाइल राजस्व मंत्री से अनुमोदित हो गई है। राजस्व विभाग से कोई आपत्ति नहीं है। पत्र सामान्य प्रशासन विभाग में जाएगा। ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है। कृपया 50-50 पर विशेष ध्यान देवें, क्योंकि छूट से लाभान्वित होने वाले चुपचाप अपना काम कर रहे हैं।
चौथी चैट- इसी को कहते हैं कंबल ओढ़कर घी खाना। हमें इनसे सीखना चाहिए कि अपना काम कैसे करवाना है। अब हमें भी पूर्ण रूपेण तैयार रहना पड़ेगा, नहीं तो 2 साल जूनियर हो जाएंगे। मैं सब तरह से आप लोगों के साथ हूं। सभी साथियों से आग्रह है कि अपनी अपनी उपस्थिति और कुछ सलाह/राय/सहयोग के संदर्भ में कुछ लिखिए। पांचवीं चैट- सुना हूं यह कैबिनेट की बैठक में सम्भवतः पास हो जाएगा। ऐसा होता है तो हमारे प्रमोशन में ग्रहण लगने की पूरी संभावना है। प्रमोशन को GAD में पवन साहू जी देखते हैं। कृपया आज रायपुर वाले उनसे मिलकर चर्चा कीजिए की क्या खबर है। छठवीं चैट- 50-50 ग्रुप की मीटिंग कर लेते हैं। कहां करेंगे रायपुर या बिलासपुर में। कम से कम रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में जिनकी पोस्टिंग है, वे जरूर आएंगे। हालांकि इसके बाद मीटिंग को लेकर लोकेशन तय नहीं होता है। गूगल मीट करने की बात होती है। अब जानिए कैसे शुरू हुआ ‘नारियल’ और ‘किलो’ कोडवर्ड ? वायरल चैट के मुताबिक तहसीलदार कह रहे हैं कि 50-50 संबंध में सिर्फ….’महोदय’ (पावरफुल नेता) से मिलने का समय लेना उचित है, और वो भी तत्काल 1- 2 दिन में ही अन्यथा नुकसान ही नुकसान है। जल्दी करना पड़ेगा। नारियल कलेक्शन जल्दी करना पड़ेगा। पदक्रम सूची में कोई किसी भी स्थान में क्यों न हो, हमारे बैच वालों को साथ देना चाहिए। पीछे नहीं हटना चाहिए। एक साथ नायब तहसीलदार में नियुक्ति के साथ साथ चल रहे हैं। इसके बाद किसी के मन में यह भावना बिल्कुल भी नहीं आनी चाहिए कि मेरा स्थान टॉप क्रम में है। नारियल प्राथमिकता नहीं। साथ देना प्राथमिकता है। सभी एक साथ चलना है। नारियल प्राथमिकता नहीं है। साथ देना प्राथमिकता होनी चाहिए। ‘नारियल’ तो ‘प्रसाद’ में चढ़ाते ही रहते हैं। इसलिए नारियल चढ़ाने से मना नहीं करें साथी भाई। 50-50 ग्रुप के वॉट्सऐप चैट में इन बातों का भी जिक्र तहसीलदारों के वॉट्सऐप 50-50 ग्रुप में कुछ नामों की लिस्ट भी डाली गई है, जिसमें कुछ लोगों ने ‘नारियल’ बताए स्थान तक पहुंचा दिया है। साथ ही कुछ लोगों ने कहा कि हम चार लोगों का (नाम सहित) 4 किलो पहुंचा दिया गया है। इसके साथ ही जल्दी-जल्दी कलेक्शन की बात कही जा रही है। एक तहसीलदार कह रहे हैं कि ये काम जल्द करना पड़ेगा। कैबिनेट मीटिंग में फैसला होने से बड़ा नुकसान हो सकता है। नारियल और प्रसाद का कलेक्शन कर तय जगह पर पहुंचाएं। हमारी प्राथमिकता प्रमोशन है। ‘नारियल’ या ‘प्रसाद’ तो चढ़ाते रहते हैं। कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष बोले- यह अफवाह दैनिक भास्कर ने छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे से बात की। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। ये सब बातें गलत हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है, ये सब अफवाह है। साथ ही तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पदोन्नति के बारे में उन्होंने कहा कि पहले सीधी भर्ती से 50-50 प्रतिशत पदोन्नति होती थी, लेकिन पिछली सरकार में इसे 60-40 प्रतिशत कर दिया गया। हमारी मांग है कि 50-50 अनुपात लागू किया जाए। जानिए आंदोलन का क्या होगा असर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के आंदोलन पर जाने से तहसील कार्यालयों में आम लोगों से जुड़ी कई सेवाएं प्रभावित होंगी। जैसे जमीन संबंधी काम के साथ ही नामांतरण, बंटवारा, खसरा-खतौनी की प्रतिलिपि, जाति-आय और निवास प्रमाण पत्र के साथ ही सीमांकन और न्यायालयीन कार्य नहीं होंगे। ……………………… इससे संबंधित यह खबर भी पढ़ें… छत्तीसगढ़ में 3 दिन नहीं बनेंगे जाति-आय प्रमाणपत्र: खसरा-खतौनी से लेकर सीमांकन तक सब बंद, 30 जुलाई तक धरने पर राजस्व अधिकारी छत्तीसगढ़ में 3 दिन तक तहसील से जुड़े कामकाज बंद रहेंगे। प्रदेश भर के राजस्व अफसर अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से धरने पर बैठे हैं। 28 जुलाई से 30 जुलाई तक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने अपना काम छोड़कर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। पढ़ें पूरी खबर…

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