शराब घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ा खुलासा किया है। एसीबी को जांच में पता चला है कि प्रिज्म होलोग्राफी के एमडी विधु गुप्ता ने झारखंड और छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम की आपूर्ति की थी। इसके लिए उसने दोनों राज्यों के अधिकारियों को करीब 90 करोड़ रुपए का कमीशन दिया था। वह सिर्फ नकली होलोग्राम की ही आपूर्ति नहीं करता था, बल्कि छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के साथ मिलकर पूरे सिंडिकेट को मैनेज करता था। अब जांच एजेंसी कमीशन से जुड़े साक्ष्य जुटा रही है। विधु गुप्ता को एसीबी ने दो जुलाई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में लागू हुई थी उत्पाद नीति झारखंड में 2022 में छत्तीसगढ़ मॉडल पर उत्पाद नीति लागू की गई थी। उस समय विनय चौबे उत्पाद सचिव थे। इस मॉडल को लॉन्च करने के लिए उत्पाद विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को परामर्शी बनाया था। अरुणपति त्रिपाठी उसके एमडी थे। एसीबी सूत्रों के मुताबिक त्रिपाठी के साथ मिलकर विनय चौबे ने पूरी साजिश रची। छत्तीसगढ़ के सिद्धार्थ सिंघानिया को झारखंड के शराब कारोबार में प्रवेश कराया। त्रिपाठी व सिंघानिया ने गुप्ता को दिलाया था काम जांच में पता चला है कि छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम का धंधा खूब चल रहा था। झारखंड में उत्पाद नीति लागू होने पर छत्तीसगढ़ के तत्कालीन उत्पाद सचिव अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया ने विनय चौबे के साथ मिलकर विधु गुप्ता को यहां होलोग्राम सप्लाई का काम दिलाया। गुप्ता ने 35 पैसे प्रति होलोग्राम की दर से करीब 52 करोड़ होलोग्राम की आपूर्ति की। इसके लिए अलग से नौ फीसदी कमीशन दिया। अब एसीबी यह डेटा जुटा रही है कि उसने कितने नकली होलोग्राम की आपूर्ति की थी। शराब घोटाले में उसकी और क्या भूमिका थी, जिससे लिए उसे इतनी मोटी रकम कमीशन के रूप में दी।