प्रेग्नेंट महिलाओं को जुलाई से फ्री मिलेगा देसी घी:खून बढ़ाने के लिए खजूर-मखाने, 6 पौष्टिक चीजों से भरी होगी किट, आंगनबाड़ी में रजिस्ट्रेशन जरूरी

गर्भवती महिलाओं को पोषण के लिए अब राज्य सरकार ‘सुपोषण न्यूट्री किट’ देने जा रही है। इसकी घोषणा राज्य सरकार ने अपने बजट में की थी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने यूनिसेफ की गाइडलाइन के आधार पर राजस्थान यूनिवर्सिटी की दो प्रोफेसर की मदद से इस न्यूट्री किट को तैयार करवाया है। आंगनबाड़ी केंद्रों की मदद से प्रेग्नेंट महिलाओं को ये न्यूट्री किट दी जाएगी। इस किट में देसी घी, मखाने और खजूर जैसी 6 पौष्टिक चीजें शामिल की गई हैं। ये प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए जरूरी होती हैं। इस योजना की पात्र महिलाएं कौन होंगी? इसका वितरण कब से होगा? एक गर्भवती को कितनी बार यह किट मिलेगी? मंडे स्पेशल स्टोरी में पढ़िए…. 2 लाख 35 हजार महिलाओं का टारगेट
डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री दीया कुमारी ने 2025-26 के बजट में प्रेग्नेंट महिलाओं को न्यूट्री किट देने की घोषणा की थी। ये किट प्रदेश की आंगनबाड़ी केंद्रों पर 2 लाख 35 हजार प्रेग्नेंट महिलाओं को दी जाएंगी। इसके लिए बजट में 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी महिला पर 1064 रुपए खर्च होंगे। प्रेग्नेंट महिलाओं को गर्भावस्था के अंतिम 5 महीने के दौरान ये किट मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे न केवल उनकी सेहत में सुधार होगा बल्कि बच्चे का भी शारीरिक व मानसिक विकास हो सकेगा। न्यूट्री किट में प्रोटीन, विटामिन, आयरन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ हैं। ये प्रेग्नेंट महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। देसी घी, खजूर व मखाने जैसे 6 आइटम
समेकित बाल विकास सेवाएं के डायरेक्टर ओपी बुनकर ने बताया- सरकार प्रेग्नेंट महिलाओं को न्यूट्री किट में वह सभी प्रोटीन, विटामिन और आवश्यक पोषक सामग्री उपलब्ध कराना चाहती है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए जरूरी हों। इसलिए करीब तीन किलो के न्यूट्री किट डिजाइन की गई है। एक किट में 6 पौष्टिक चीजों को शामिल किया गया है। इसमें एक किलो देसी घी, पांच सौ ग्राम खजूर, मखाने या अन्य ड्राई फ्रूट्स, गुड़ और रोस्टेड चना व मूंगफली शामिल है। किट के लिए गर्भवती महिला को क्या करना होगा?
इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं का नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। महिलाओं को किसी वर्ग में नहीं बांटा गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाली सभी वर्ग की महिलाओं को इसका लाभ दिया जाएगा। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर ऐसी रजिस्टर्ड महिलाओं को यह किट मिलेगी, जो कम से कम 4 महीने की गर्भवती हों। एक महिला को कितनी बार सुपोषण न्यूट्री किट मिलेगी?
सुपोषण न्यूट्री किट एक महिला को गर्भावस्था के दौरान दो बार दी जाएगी। पहली बार गर्भावस्था के 4 महीने पूरे होने यानी 5वें महीने में किट मिलेगी। दूसरी बार 9वें महीने की गर्भावस्था के दौरान। सरकार की वर्तमान योजना में 2 लाख 35 हजार महिलाओं लाभार्थी बनाया जाएगा। हालांकि सरकार लाभान्वित महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। इस संबंध में अंतिम निर्णय सरकार के स्तर पर लिया जाएगा। पोषण ट्रैकर से महिलाओं और बच्चों को मिलेगा पूरा पोषण
महिलाओं और बच्चों तक पोषण सामग्री समय पर पहुंचे। इसके लिए सरकार पोषण ट्रैकर से ऑनलाइन निगरानी रख रही है। ये एक लाइव व रियल टाइम सॉफ्टवेयर है। महिला एवं बाल विकास के सचिव महेंद्र सोनी ने बताया कि सामग्री वितरण के लिए रियल टाइम रिपोर्टिंग के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की अब जिलेवार मॉनिटरिंग की जाएगी। विभाग न्यूट्री किट के लिए सामग्री कहां से खरीदेगी। इसको लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। एफआरएस से ही मिलेगी सभी सामग्री
महिला एवं बाल विकास विभाग अब एफआरएस (फेश रिकॉग्निशन सिस्टम) तकनीक से ही सामग्री दे रहा है। यानी महिला के परिवार के सदस्यों को नहीं खुद महिला को ही खाद्य सामग्री दी जाएगी। प्रदेश में 75 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों में इसी तकनीक से खाद्य सामग्री दी जा रही है। सुपोषण न्यूट्री किट भी एफआरएस से ही दी जाएगी। पोषाहार वितरण के दौरान अनियमितताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए केंद्र के निर्देश पर ये लागू किया गया है। जुलाई से एक साथ मिलेगा इन 2 योजनाओं का लाभ
विभाग की ओर से अभी 6 महीने से पांच साल तक के 70 हजार बच्चों को 15 ग्राम दूध पाउडर दिया जा रहा है। सीएम भजनलाल शर्मा ने पिछले महीने राजस्थान दिवस समारोह के दौरान दूध पाउडर की मात्रा बढ़ाकर देने की घोषणा की थी। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसकी तैयारी शुरू की। सरकार अतिकुपोषित बच्चों को अब सप्ताह में पांच दिन 25 ग्राम दूध पाउडर भी देगी। ये दूध पोषाहार में मिलाकर दिया जाएगा। इस पर 3.5 करोड़ रुपए का खर्च होंगे। वहीं विभाग ने 20 दिन पहले न्यूट्री किट के संबंध में वित्त विभाग को फाइल भेजी थी। जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों की माने तो जुलाई से कुपोषित बच्चों को बढ़ा हुआ दूध और प्रेग्नेंट महिलाओं को न्यूट्री किट मिलने लग जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास पुराने फोन ऑल इंडिया आंगनबाड़ी एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक छोटेलाल बुनकर का कहना है कि इस पहल से राज्य में कुपोषण की समस्या को कम किया जा सकेगा। यह महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा। लेकिन ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यावहारिक नहीं है। उनका कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास 8 साल पुराना मोबाइल फोन है। इसे ऑपरेट करना भी उन्हें नहीं आता है। आधी महिला कार्यकर्ता महज आठवीं पास है। विभाग बीस हजार नए मोबाइल फोन देने का आश्वासन दे रहा है। जबकि प्रदेश में 63 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं। ऐसे में ग्रामीण व छोटे शहरों में ऑनलाइन मॉनिटरिंग करना मुश्किल है। महिलाओं के लिए राज्य सरकार की प्रमुख योजनाएं 1. महिला समूहों को करीब 100 करोड़ रुपए की आजीविका संवर्धन निधि का हस्तान्तरण। 2. 5 हजार महिलाओं को इंडक्शन कुक टॉप का वितरण। 3. स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के अंतर्गत 164 छात्राओं का चयन। 4. महिलाओं को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली के बीकानेर हाउस में राजीविका मेला शुरू। 5. गार्गी पुरस्कार, बालिका प्रोत्साहन एवं मुख्यमंत्री हमारी बेटियां योजना के अन्तर्गत 31 हजार 790 बालिकाओं को 13.16 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित। 6. 36 महिला महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में अध्ययन की सुविधा। 7. बालिकाओं को शिक्षा एवं संबल उपलब्ध कराने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना लागू। 8. जरूरतमंद महिलाओं को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर। 9. गरीब परिवार की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख के स्थान पर डेढ़ लाख रुपये का सेविंग बॉण्ड। 10. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा साथिन बहनों के मानदेय में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी।

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