प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों की भर्ती के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई। शोध पत्र के नंबर की वजह से पहले ही दिन विवाद की स्थिति बनी। दरअसल, उम्मीदवार जिस रिसर्च जर्नल को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बताकर अंक मांग रहे थे, दस्तावेजों को जांचने वाले अधिकारी उसमें नंबर नहीं दे रहे थे। वे यूजीसी केयर लिस्ट, स्कोपस समेत अन्य में प्रकाशित रिसर्च पेपर के लिए अधिक नंबर दे रहे थे। इसके अलावा किताब समेत अन्य के नंबर को लेकर भी उम्मीदवार व जांच अधिकारी में विरोधाभास था। इस वजह से सुबह शुरू हुई प्रक्रिया में शाम 4 बजे तक एक भी उम्मीदवार के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हो पाया। स्थिति ऐसी बनी की दूसरी पाली में जिन्हें डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था उन्हें वापस भेजा गया।
जानकारी के मुताबिक रिसर्च पेपर स्टैंडर्ड का है या नहीं इसके लिए एक फॉर्मेट बनाया गया है। इसमें यूजीसी केयर लिस्ट, स्कोपस समेत अन्य में पेपर प्रकाशित है ताे इसमें अधिक नंबर है और दूसरे जर्नल में प्रकाशित पेपर के लिए कम नंबर है। उम्मीदवारों के पास पेपर तो कई थे लेकिन उनमें से कुछ ही यूजीसी केयर या स्कोपस में थे। अन्य जो पेपर उनमें पास थे उसमें इंपैक्ट फैक्टर का उल्लेख था, लेकिन वह यूजीसी केयर लिस्ट में नहीं था। इसलिए अधिकारी इसे स्टैंडर्ड जर्नल नहीं मान रहे थे। डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन की प्रक्रिया 17 दिसंबर तक चलेगी। यह अभी 13 विषयों के लिए ही है। पहले दिन मंगलवार को अंग्रेजी विषय के दस्तावेज सत्यापन के लिए पहली पाली में 16 और दूसरी पाली में 11 आवेदकों को बुलाया गया था। एक जगह शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच हो रही थी, जिसमें मार्कशीट, डिग्री समेत अन्य शामिल थे। इस प्रक्रिया में 15 से 20 मिनट का समय लग रहा था। यहां कोई परेशानी नहीं थी। वहीं दूसरी ओर एक टीम जो रिसर्च पेपर, किताब, पेटेंट समेत अन्य की जांच कर रही थी, वहीं विवाद की स्थिति बनी। इसे लेकर कुछ उम्मीदवारों ने बताया कि दूसरी पाली में मेरे दस्तावेज की जांच होनी थी। वहां जाने पर पता चला कि पहली पाली में जो लोग हैं उसका ही पूरा नहीं हुआ है। बाद में अधिकारियों ने कहा कि जो लोग बाहर से हैं वे रुक जाएं और जाे स्थानीय हैं वे वापस चले जाएं। उनके दस्तावेजों का सत्यापन बुधवार को होगा। अभी इन विषयों के लिए सत्यापन
प्रोफेसर भर्ती के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी 13 विषयों जैसे, अंग्रेजी, माइक्रोबॉयोलॉजी, लोक प्रशासन, प्राचीन भारतीय इतिहास, बायोटेक्नोलॉजी, सैन्य विज्ञान, ज्योतिष, दर्शन शास्त्र, मानव शास्त्र, इतिहास, संस्कृत, विधि और गृह विज्ञान के उम्मीदवारों को बुलाया गया है। इन विषयों में कुल 86 पद हैं। इसके लिए 255 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। 17 अन्य विषयों के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया माह के अंत में शुरू होने की संभावना है। कॉलेजों में प्रोफेसर के सभी पद खाली
प्रदेश में उच्च शिक्षा से संबद्ध 285 सरकारी कॉलेज हैं। यहां प्रोफेसर के कुल 682 पद हैं। सभी खाली हैं। राज्य बनने के बाद पहली बार 595 पदों के लिए भर्ती हो रही है। यह भी शुरुआत से विवादों में है। यह भर्ती 2021 में निकली थी। तब उम्र समेत अन्य को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें बाद में स्थगित किया गया। इस साल फिर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। दोबारा आवेदन मंगाए गए। इसके अनुसार दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया 2 दिसंबर को शुरू हुई। इसे स्थगित किया गया। फिर 10 दिसंबर से शुरू हुआ है।