इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने आज प्रोबा-3 मिशन लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को गुरुवार शाम 4:04 बजे बजे पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) से लॉन्च किया गया। ये मिशन यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का है। इसका उद्देश्य दो उपग्रहों: कोरोनोग्राफ और ऑकुल्टर के जरिए सूर्य के बाहरी वातावरण की स्टडी करना है। इसरो इस मिशन को बुधवार शाम 4:08 बजे लॉन्च करने वाला था, लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण इसकी लॉन्चिंग को एक दिन टाल दिया था। दोनों सैटेलाइट एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी पर रहेंगे
दोनों सैटेलाइट पृथ्वी की अण्डाकार कक्षा में चक्कर लगाएंगे। पृथ्वी से इनकी सबसे ज्यादा दूरी 60,530 Km और सबसे कम दूरी लगभग 600 Km होगी। इस कक्षा में दोनों सैटेलाइट्स एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी रखने में सक्षम होंगे और एक यूनिट की तरह काम करेंगे। ऑकुल्टर सैटेलाइट में 1.4 मीटर की ऑकुलेटिंग डिस्क लगी है जिसे सूर्य की चमकदार डिस्क को ब्लॉक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे कृत्रिम सूर्य ग्रहण होता है। इस छाया के भीतर कोरोनाग्राफ सैटेलाइट अपने टेलीस्कोप से सोलर कोरोना का निरीक्षण करेगा। इसरो से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मस्क के रॉकेट ने इसरो का सैटेलाइट GSAT-N2 लॉन्च किया: हवाई यात्रा के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी ने 18 नवंबर की आधी रात फाल्कन 9 रॉकेट से भारत के GSAT-N2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को लॉन्च किया था। 4700 किलो वजनी सैटेलाइट 14 साल के मिशन के लिए बनाया गया है। इसे जियो स्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट से स्थापित किया गया है। जिससे हवाई जहाज में उड़ान में दौरान मोबाइल इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी। पढ़ें पूरी खबर…