एसजीपीसी कार्यकारिणी की बैठक में श्री गुरु तेग बहादर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी पर भारत सरकार से बंदी सिंहों की रिहाई की मांग का प्रस्ताव पारित किया है। वहीं, श्री फतेहगढ़ साहिब विवि में श्री गुरु तेग बहादर जी की चेयर की स्थापना करने का फैसला लिया गया। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, गुरुओं के संदेशों-शिक्षाओं के मार्गदर्शन में अब जीएनडीएच में मरीजों और जरूरतमंदों के लिए लंगर सेवा की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। यह सेवा श्री हरमंदर साहिब स्थित श्री गुरु रामदास जी लंगर से प्रतिदिन सुबह-शाम भेजी जाएगी। बैठक के दौरान एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी और अन्य। शिक्षण संस्थानों में चयनित छात्रों को स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा और मासिक वजीफा मिलेगा बैठक में धामी ने कहा, विवि में 9वें गुरु जी के जीवन, यात्राओं और शहादत पर शोध कार्य करने के साथ गुरु जी की पवित्र गुरबाणी का दार्शनिक अध्ययन होगा। शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी परीक्षा के लिए भी तैयार करेगी। चयनित विद्यार्थियों को स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा और मासिक वजीफा मिलेगा। धामी ने बताया कि तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब के प्रशासकों द्वारा प्राप्त मांग अनुसार तख्त साहिब और दक्षिण प्रदेश की संगत के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की 200 पावन प्रतियां भेजने का भी फैसला लिया गया है। धामी ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं पर लगी रोक तुरंत हटाने की मांग की। वहीं, राजस्थान में अमृतधारी छात्रा को परीक्षा देने से रोकने के मामले में धामी ने कहा कि ऐसा मामला पहले भी सामने आया था और कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। धामी ने श्रीनगर में आयोजित शताब्दी समारोह के दौरान मर्यादा की उल्लंघना के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब से मर्यादा के घोर उल्लंघना के मामले में कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस एवं भाषा विभाग के डायरेक्टर जसवंत सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए धार्मिक सजा सुनाने की अपील की है। इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क, जूनियर उपाध्यक्ष बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव शेर सिंह मंडवाला, मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नण, सदस्य अमरीक सिंह विछोआ, सुरजीत सिंह तुगलवाल, परमजीत सिंह खालसा, सुरजीत सिंह गढ़ी, बलदेव सिंह कायमपुर,. दलजीत सिंह भिंडर, जसवंत सिंह पुडैन, परमजीत सिंह रायपुर और ओएसडी सतबीर सिंह धामी आदि मौजूद थे।