फरीदकोट के गांव कोहारवाला में रजबाहा टूटने से करीब 150 एकड़ खेतों में पानी भर गया। गेहूं समेत सब्जियों की खड़ी फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई। इस मामले की सूचना मिलने के बाद नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और रजबाहे की मरम्मत करने का कार्य शुरू करवाया। कोटकपूरा शहर से सटे गांव कोहारवाला से गुजरने वाला रजबाहा मंगलवार देर रात अचानक टूट गया और पानी के तेज बहाव के कारण गांव के करीब डेढ़ सौ एकड़ खेतों में पानी भर गया। बुधवार सुबह लोगों के सूचित किए जाने के बाद नहरी विभाग ने रजबाहे का पानी बंद करवाया। लेकिन तब तक किसानों की गेहूं और सब्जी की फसलें पानी में डूब चुकी थी। ठेके पर जमीन लेकर कर रहे खेतीबाड़ी- किसान किसान तेजविंदर सिंह व जगजीत सिंह ने कहा कि रजबाहा टूटने के बाद उसका पानी बंद करने में नहरी विभाग ने काफी समय लगा दिया, जिसके कारण खेतों में कई कई फीट पानी जमा हो गया और उनकी फसलें नष्ट हो गई। ज्यादातर किसानों द्वारा ठेके पर जमीन लेकर खेतीबाड़ी की जा रही है और उन्होंने प्रशासन और राज्य सरकार से मुआवजा देने की मांग रखी है। किसानों को मुआवजा न मिला तो संघर्ष करेंगे- भाकियू नेता इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष जसप्रीत सिंह ने कहा कि रजबाहे की हालत काफी खस्ता हो चुकी है और पहले भी कई बार इसके टूटने की वजह से किसानों का नुकसान हो चुका है। यदि प्रशासन ने प्रभावित किसानों को मुआवजा न जारी किया तो उनके संगठन द्वारा संघर्ष किया जाएगा। सूचना के बाद पानी बंद करवा कर शुरू करवाई मरम्मत-एसडीओ इस मामले में नहरी विभाग के एसडीओ मनीष अरोड़ा ने बताया कि सूचना के बाद उन्होंने पानी बंद करवा दिया था और मुरम्मत शुरू करवा दी है। उन्होंने कहा कि माल विभाग के अधिकारियों की तरफ से किसानों के नुकसान का सर्वे किया जाएगा और सरकार की हिदायत मुताबिक मुवावजे की कार्रवाई की जाएगी।