पंजाब में फरीदकोट के बस स्टैंड पर पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्ज यूनियन के आहवान पर कच्चे कर्मचारियों ने शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी। राज्य सरकार और मैनेजमेंट के खिलाफ प्रदर्शन किया गया और 17 अगस्त को चंडीगढ़ में सीएम आवास पर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक दिन पहले शुक्रवार को यूनियन के साथ बैठक में राज्य के मुख्य सचिव और ट्रांसपोर्ट सचिव ने कर्मचारियों की मांगों पर सहमति भी जता दी थी, लेकिन उसका कोई लिखित पत्र नहीं जारी किया। जब तक पत्र जारी नहीं होगा, हड़ताल जारी रखी जाएगी। बता दें कि पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी और पनबस में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों द्वारा पिछले लंबे समय से ही अपनी सेवाएं स्थायी करने समेत अन्य मांगों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है। बीती 14 अगस्त से यूनियन ने एक बार फिर राज्य भर सरकारी बसों के पहिए रोके हुए है। कच्चे कर्मचारियों की तादाद ज्यादा
चूंकि परिवाहन विभाग में रेगुलर कर्मचारियों के मुकाबले कच्चे कर्मचारियों की तादाद ज्यादा है, ऐसे में ज्यादातर सरकारी बसें नहीं चल रही। पीआरटीसी के फरीदकोट डिपू में भी 70 प्रतिशत बसें बंद है, जिससे सरकारी बस सेवाएं प्रभावित है और लोगों को निजी बसों में यात्रा करनी पड़ रही है। इस मौके पर हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने 15 अगस्त को सीएम के विरोध की घोषणा की थी जिसके चलते सरकार ने उनकी साथ बैठक करते हुए मांगों पर सहमति तो दे दी। लेकिन उन्हें अब लागू करने से आनाकानी की जा रही है। अधिसूचना होने पर ही खत्म होगी हड़ताल-प्रदर्शनकारी
कर्मचारी नेता रघुबीर सिंह और अन्य नेताओं ने कहा कि पिछले साल एक जुलाई को भी सरकार ने बैठक कर मांगें स्वीकार कर ली थी. जिन्हें बाद में लागू नहीं किया गया। ऐसे में वह सरकार की बातों में विश्वास नहीं कर सकते। जब तक स्वीकार मांगों की अधिसूचना जारी नहीं की जाती, उनकी हड़ताल और संघर्ष जारी रहेगा।