फरीदकोट में सड़कों पर उतरे जूनियर डॉक्टर्स:फीस की तर्ज पर स्टाइपेंड भी बढ़ाने की मांग, बोले- 6 साल से नहीं हुई बढ़ोतरी

फरीदकोट में आज जूनियर डॉक्टरों ने स्टाइपेंड बढ़ाए जाने की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधीन गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने शहर में रोष मार्च निकाल जोरदार नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी कि जिस तरह राज्य सरकार हर साल मेडिकल कॉलेज की फीस में 5% बढ़ोतरी करती है, उसी तर्ज पर जूनियर डॉक्टरों के स्टाइपेंड में भी बढ़ोतरी की जाए। जानकारी के अनुसार, राज्य भर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का कोर्स पूरा करने के बाद इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टर को 15 हजार प्रति माह स्टाइपेंड दिया जाता है। 2019 के बाद से ही सरकार ने स्टाइपेंड में कोई बढ़ोतरी नहीं की है, जबकि मेडिकल कॉलेज की फीस में हर साल 5% बढ़ोतरी की जा रही है। इस मामले को लेकर फरीदकोट के गुर गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टरों की तरफ से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाहर राज्य सरकार व मेडिकल शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। पिछले 6 साल से फूटी कौड़ी भी नहीं बढ़ा
शहर में रोष मार्च निकालते हुए चेतावनी दी गई के यदि जल्द ही उनके स्टाइपेंड को ना बढ़ाया गया तो वह अपनी संघर्ष को तेज करने के लिए मजबूर होंगे। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की अगुआई कर रहे डॉ. दिव्यांश, डॉ गुरप्रीत कश्यप व अन्य डॉक्टरों ने कहा कि वर्तमान समय में एमबीबीएस कोर्स की फीस 10 लाख के आस-पास पहुंच चुकी है, जबकि स्टाइपेंड पिछले 6 साल से फूटी कौड़ी भी नहीं बढ़ाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार एमबीबीएस कोर्स की फीस बढ़ा रही है, ठीक उसी तरह स्टाइपेंड भी बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें महज 15 हजार प्रति माह यानी प्रति दिन 500 रुपए मिलते है जोकि एक मजदूर की दैनिक कमाई से भी कम है। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले पंजाब में मेडिकल कालेजों की फीस सबसे ज्यादा है जबकि स्टाइपेंड सबसे कम है।

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