पंजाब के फरीदकोट में ऑल पंजाब आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन ने मंगलवार को सांसद सरबजीत सिंह खालसा के कार्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आंगनवाड़ी इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के देशव्यापी आह्वान पर आयोजित किया गया। प्रदर्शन की अगुवाई फरीदकोट जिला प्रधान गुरमीत कौर दबड़ीखाना और मोगा जिला प्रधान महिंदर कौर पत्तो ने की, जबकि यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष हरगोबिंद कौर विशेष रूप से शामिल हुईं। आंगनवाड़ी वर्करों को दिया जा रहा मानदेय बेहद कम: हरगोबिंद कौर अपने संबोधन में हरगोबिंद कौर ने कहा कि आईसीडीएस योजना को शुरू हुए 50 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार अब तक आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों को स्थायी नहीं कर पाई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वर्करों को मात्र ₹4500 और हेल्परों को ₹2250 मानदेय दिया जा रहा है, जो बेहद कम है। उन्होंने कहा कि देश में 28 लाख महिलाएं इस योजना के तहत काम कर रही हैं, लेकिन 50 साल बाद भी उन्हें स्थायी नौकरी का दर्जा नहीं मिला। यह महिलाओं के साथ खुला शोषण है। प्री नर्सरी टीचर का दर्जा देने की मांग उन्होंने यह भी कहा कि पिछले आठ वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार ने उनके मानदेय में एक रुपए की भी बढ़ोतरी नहीं की, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। यूनियन ने केंद्र सरकार से मांग की कि आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों को स्थायी किया जाए, आईसीडीएस योजना को अलग विभाग के रूप में स्थापित किया जाए, और वर्करों को प्री-नर्सरी टीचर का दर्जा दिया जाए। साथ ही, न्यूनतम मजदूरी लागू करने, हर महीने मेडिकल भत्ता देने और सूखे राशन की जगह केंद्रों पर ताजा पका हुआ भोजन देने की भी मांग की गई। पूरे देश में चलाया जा रहा आंदोलन हरगोबिंद कौर ने बताया कि यह आंदोलन पूरे भारत में चलाया जा रहा है, जिसके तहत विभिन्न सांसदों को मांग पत्र सौंपे जा रहे हैं ताकि वे संसद में आंगनवाड़ी वर्करों की आवाज उठाएं। इस मौके पर सांसद दफ्तर को प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया और उनसे अपील की गई कि वे इन मांगों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाएं तथा संसद में इन कर्मचारियों के हक में आवाज बुलंद करें।