फर्जी केस डाला, 50 लाख ऑफर किए मगर छोटे भाई के ​कातिलों को सजा दिलाकर ही माने भाई

भास्कर न्यूज | अमृतसर तरनतारन के 2 युवकों के अपहरण, फर्जी मुठभेड़ और हत्या मामले में 32 साल के बाद परिवार को इंसाफ मिला है। सीबीआई की विशेष अदालत ने तत्कालीन एसएचओ समेत 3 पुलिस मुलाजिमों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। तरनतारन निवासी सोहन सिंह, हीरा सिंह और हरबंस कौर ने बताया कि गुरनाम सिंह उर्फ पाली उनका छोटा भाई था। 1992 में पुलिस ने उसका फर्जी एनकाउंटर किया था। तीनों ने बताया कि इस केस के बीच में हीरा सिंह से अमृतसर में कारतूस मिलने का फर्जी केस भी आरोपियों ने डाला, जिसके लिए वह 2 दिन जेल में रहे और बाद में उनकी जमानत हुई। ढाई साल तक वह कोर्ट के चक्कर काटते रहे। हीरा सिंह की बेटी विदेश में रहती है, पासपोर्ट जब्त होने के कारण वह कई साल बेटी से मिलने नहीं जा सके। उन्हें दोषियों की ओर से 50 लाख रुपए और मकान देने के ऑफर भी दिए गए, लेकिन तीनों बहन भाई अपने छोटे भाई की जान के बदले पैसा नहीं कार्रवाई चाहते थे। इसलिए वह अड़े रहे।

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