छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के चलगली थाना क्षेत्र में फर्जी वन अधिकार पत्र (पट्टा) बनाकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि अंबिकापुर निवासी कुन्जन रजक उर्फ एक्का 20-20 हजार रुपए लेकर लोगों को फर्जी वन अधिकार पत्र बनाकर दे रहा था। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी पहले से ही ओडिशा की जेल में बंद है। वनपाल अनिल कुजूर को ग्रामीणों ने सूचना दी कि ग्राम अमरावतीपुर के विपिन किशोर कुजूर, ग्राम मुरका के सुरेन्द्र आयाम, ग्राम शिवरी बरतीकला के अधिनाश दुबे और अंबिकापुर के कुन्जन रजक उर्फ एक्का मिलकर वन भूमि पर फर्जी अधिकार पत्र तैयार कर रहे हैं। जानकारी की पुष्टि के बाद वनपाल ने चलगली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पूछताछ में कबूल किया फर्जीवाड़ा वनपाल ने जब विपिन किशोर कुजूर, सुरेन्द्र आयाम और अधिनाश दुबे से पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि इस गिरोह के मास्टरमाइंड कुन्जन रजक उर्फ एक्का ने उन्हें फर्जी वन अधिकार पत्र बनाकर दिए थे। 29 एकड़ वन भूमि पर फर्जीवाड़ा आरोपियों ने कुल मिलाकर करीब 29 एकड़ वन भूमि पर फर्जी तरीके से अधिकार पत्र बनवाया। दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि यह सभी कागज़ात फर्जी हैं और इनमें वन विभाग की किसी भी प्रकार की स्वीकृति नहीं है। मुख्य आरोपी पहले से है जेल में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी कुन्जन कुमार रजक ओडिशा की जेल में एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के तहत पहले से बंद है। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 336(3), 338, 3(5) के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।