गर्मी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सोमवार को रायपुर के मंत्रालय में एक बैठक हुई। इस बैठक में CM विष्णुदेव साय ने अफसरों को फील्ड विजिट करने को कहा है। सरकार की ओर से अधिकारियों को ये आदेश दिया गया है कि जिन इलाकों में हैंडपंप खराब होने की वजह से पीने के पानी की समस्या है, वहां 15 दिन के भीतर हैंडपंप को ठीक किया जाए। CM साय की इस मीटिंग में मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) और जल संसाधन विभाग के अफसर मौजूद थे। प्रदेश के डिप्टी CM अरुण साव और विजय शर्मा भी बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने अफसरों को साफ निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में गर्मी के दौरान पीने के पानी की व्यवस्था सुचारू रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं और इस काम को प्राथमिकता दी जाए। सीएम ने कहा, विभागों आपस में कोऑर्डिनेट करें मुख्यमंत्री ने पानी की समस्या न हो इसके लिए विभागों को आपस में कोऑर्डिनेट करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, वन एवं कृषि विभाग को परस्पर तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संरक्षण के प्रभावी उपायों जैसे रिचार्ज पिट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा आधारित पंपों को तेजी से बढ़ावा देने पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने भूजल के अनियंत्रित दोहन पर सख्त निगरानी रखने और कम जल-खपत वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के निर्देश दिए, जिससे जल संसाधनों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे केवल कार्यालयों तक सीमित न रहते हुए, फील्ड में जाकर स्वयं स्थिति का आंकलन करें और स्थल पर ही पेयजल संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। अब विभाग 15 दिनों के भीतर प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाकर सभी हैंडपंपों और सार्वजनिक नलों की मरम्मत के काम करेगा। मोबाइल वैन से होगी मरम्मत
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने मोबाइल वैन यूनिट्स की विशेष व्यवस्था की है। ये मोबाइल वैन अगले चार महीने तक प्रदेशभर में सक्रिय रहेंगी और खराब हैंडपंपों और पानी की अन्य समस्याओं का तुरंत समाधान करेंगी।