जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी की कुर्सी करीब डेढ़ महीने से खाली पड़ी हुई है। ऐसे में देखरेख के अभाव में शहर समेत जिलेभर में मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री हो रही है। इनकी गुणवत्ता जांच आदि का कार्य प्रभावित हो रहा है। इससे विक्रेता मनमर्जी की खाद्य सामग्री बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद दीपावली के पहले से खाली चल रहा है। दिवाली पर भी जिलेभर में मिठाइयां, मावा, दूध पनीर व खाद्य सामग्री की बड़ी तादाद में बिक्री हुई, लेकिन इनकी गुणवत्ता की जांच करने वाला कोई अधिकारी ही नहीं था। इसके चलते आमजन ने किस तरह की खाद्य सामग्री खरीदी। किस तरह से प्रयोग की, यह किसी को नहीं पता। वहीं, अब शादी-समारोह की धूम के चलते बाजार में कैसी खाद्य सामग्री बिक रही है। इसकी जांच तक नहीं हो पा रही है। यह आमजन के स्वास्थ्य के प्रति विभाग की बड़ी लापरवाही को बताता है। एपीओ किया, लेकिन दूसरा नहीं लगाया
जानकारी के अनुसार करीब सवा महीने पहले यहां तैनात खाद्य सुरक्षा अधिकारी गोर्वधन सिंह को 24 अक्टूबर को प्रशासनिक कारण बताते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने एपीओ कर जयुपर मुख्यालय तैनात कर दिया था। इसके बाद से ही यह पद रिक्त पड़ा है। इसके चलते खाद्य सुरक्षा जांच व नमूने लेने का कार्य ठप पड़ा हुआ है। सीएमएचओ डॉ. संपतराज नागर का कहना है कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय के आदेशों के चलते यहां तैनात फूड इंस्पेक्टर को एपीओ कर दिया गया था। इसके बाद से अभी किसी अधिकारी को नहीं लगाया है। इस संबद्ध में विभाग को दूसरे अधिकारी को इस पद पर लगाने के लिए पत्र लिखा गया है।