बंदर को रेस्क्यू कराने गई पुलिस की टीम पर मिर्च फेंका, मुख्य दरवाजे में लगा दिया करंट

जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में सेक्टर टू धुर्वा में रहने वाले देवाशीष पॉल के विरुद्ध वन विभाग और जगन्नाथपुर थाना की पुलिस ने एक बंदर को घर में कैद कर रखने, उसे रेस्क्यू कराने गई पुलिस टीम पर हमला करने के मामले में दो प्राथमिकी 14 अप्रैल को दर्ज कराई है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि धुर्वा सेक्टर टू स्थित क्वार्टर नंबर बी-1442 में रहने वाले देवाशीष पॉल ने अपने घर में एक बंदर को कैद कर रखा है। जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई। वन विभाग की टीम पुलिस के साथ शाम करीब 5.40 बजे बंदर को रेस्क्यू कराने के लिए देवाशीष पॉल के घर पहुंची। लेकिन देवाशीष के घर में रहने वाले लोगों ने दरवाजा ही नहीं खोला। दीवार पर चढ़ कर पुलिस कर्मियों ने देखा तो पाया कि बंदर को घर के अंदर लोहे की जंजीर से बांध कर रखा गया है। जब पुलिस की टीम ने उसके घर के मुख्य दरवाजे को खुलवाने की कोशिश की तो उसमें करंट दौड़ा दिया गया। पुलिस वालों ने किसी तरह पहले अपना बचाव किया, फिर लाठी- डंडे से बिजली के तार को दरवाजे से अलग किया। जब आरोपी ने देखा कि पुलिस उस तक पहुंच सकती है तो उसने पुलिस टीम पर अपना पालतू कुत्ता छोड़ दिया। पुलिस वालों पर कुत्ते ने हमला कर दिया। किसी तरह से कुत्ते को पुलिस वालों ने डंडे की मदद से डरा कर भगाया। इसके बाद पुलिस वालों ने फिर बंदर को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की तो इस बार पुलिस टीम पर आरोपी के घर में रहने वाली महिलाओं ने मिर्च पाउडर से हमला कर दिया। मिर्च पाउडर कई आरक्षियों की आंखों में चला गया, जिससे उन्हें जलन होने लगी। इसके बाद देवाशीष पॉल पुलिस टीम के साथ गाली-गलौज करते हुए उन्हें ही झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर छत से बंदर को लेकर कूद गया और भाग निकला। ज्ञात हो कि आरोपी देवाशीष पॉल के विरुद्ध कई केस दर्ज हैं। जगन्नाथपुर थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि आरोपी को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। उसके विरुद्ध गबन, धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में कई केस अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इससे पहले दो बार उसके घर जाकर लौट आई थी वन विभाग की टीम वन विभाग की टीम इससे पहले दो बार उक्त बंदर को रेस्क्यू कराने की कोशिश कर चुकी थी। वन विभाग की टीम ने बंदर को छुड़ाने के लिए आरोपी के नंबर पर फोन किया तो एक महिला ने रिसीव किया। उसने कहा कि अभी वह घर पर नहीं हैं। अगले दिन जब दोबारा उसे फोन किया गया तो उसने फोन ही काट दिया। वन विभाग की टीम ने उसके घर पर एक नोटिस भी चिपकाया। इसके बाद भी आरोपी उनके समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। जब वन विभाग की टीम दोबारा गई तो उस घर में रहने वाली दो महिलाओं ने गाली-गलौज भी की।

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