छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप दवा से 20 से अधिक मासूमों की मौत के मामले में छात्र संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने स्वास्थ्य विभाग को घेरते हुए इसे सरकार की नाकामी बताया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि रीवा में बड़ी मात्रा में अभी भी अमानक दवाइयां बिक रही हैं। एक-एक अमानक दवाओं की जांच हो और उनकी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। छात्र संगठन ने डिप्टी सीएम के आवास घेरने की चेतावनी दी
रीवा एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय के नेतृत्व में छिंदवाड़ा में हुई जहरीली सिरप पीने से मासूमों की मौत के विरोध में रीवा कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने कहा कि आखिर यह सिर्फ मध्यप्रदेश में किसके इशारे पर हो रहा है। आखिर इसमें कौन शामिल है और कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है। जिस राज्य की कंपनी वहां बैन, फिर यहां क्यों हो रही सप्लाई
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और एनएसयूआई जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने कहा कि जिस कफ सिरप से मौतें हुईं, वह कफ सिरप तमिलनाडु की निजी कंपनी का है, जहां यह दवा पहले से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद इसे छिंदवाड़ा में बच्चों को दिया गया। पंकज उपाध्याय ने जांच में देरी और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि आज सवाल सिर्फ दवा कंपनियों से नहीं है बल्कि उस सिस्टम से भी है जो इंसान की जान को व्यापार बना चुका है। कलेक्टर को सीएम के नाम दिया ज्ञापन
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष ने कहा कि इसके विरोध में आज कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। अगर 7 दिन के भीतर यह पता नहीं लगाया जाता कि सिरप मध्य प्रदेश में कैसे आई। अगर जिम्मेदार लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही नहीं होती तो रीवा एनएसयूआई डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के निवास का घेराव कर उनके इस्तीफे की मांग करेगी।